३८५~ अंजू यादव संविलियन विद्यालय सुखलालपुर (जूनियर), बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश
🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- बुलन्दशहर की अनमोल रत्न शिक्षिका बहन अंजू यादव जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को बच्चों के लिए आकर्षक एवं सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए अनुकरणीय एवं प्रेरक है।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://www.facebook.com/1598220847122173/posts/2494336090843973/
👉1- शिक्षक परिचय:-
अंजू यादव संविलियन विद्यालय सुखलालपुर (जूनियर), बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश
प्रथम नियुक्ति : 01-05-1999 वर्तमान विद्यालय में नियुक्ति: 26-09-2016
👉2- विद्यालय की समस्याएं:-
1. नामांकन
2. चाहर दिवारी
3. जलभराव
4. बच्चों का ठहराव
5. कई विद्यालयों का पास-पास होना।
👉3- विद्यालय की समस्याओं का समाधान:-
🥀1- स्वयं का प्रयास:-
बच्चों का नामांकन विद्यालय में सबसे बड़ी चुनौती थी क्योंकि जिस गाँव में विद्यालय है, वहाँ संपन्न परिवार है। सरकारी स्कूल में पढ़ाना उनकी प्रेस्टीज डाउन होती थी। दूसरे गांव में भी विद्यालय है। दूसरे गांव में जाकर अभिभावकों से संपर्क किया। बच्चों को रुचिकर शिक्षा प्रदान करना, बाल रोजगार केंद्रित शिक्षा देना, व्यवसायिक शिक्षा देना जो बच्चों को आगे चलकर रोजगार प्रदान कर सके, जैसे सिलाई से संबंधित, शिल्प कला मिट्टी के बर्तन बनाना आदि।
🥀शिक्षकों का सहयोग:-
मुझे समस्त स्टाफ का सहयोग मिला। जिस प्रकार से बंधी झाड़ू कार्य करती है और अलग होने पर बिखर जाती है इसी तरह हम सभी में अलग-अलग गुणों का समावेश होता है। मेरे विद्यालय के प्रत्येक शिक्षक में एक अलग तरह की कुशलता है तो सभी अपनी- अपनी कुशलता बच्चों को प्रदान करते हैं और हम एक सुदृढ़ माहौल बच्चों को दे पाते हैं।
🥀जनप्रतिनिधियों का सहयोग: अभिभावक बच्चों को विद्यालय भेज देते हैं। वे अनपढ़ हैं पर हमारे लिए यही काफी है कि वो बच्चों को विद्यालय रोज भेज देते हैं। यही सबसे बड़ा योगदान है उनके अभिभावकों का।
🥀शासन का सहयोग:-
शासन की सारी लाभकारी योजनाएं बच्चों को प्रदान की जाती हैं। जिससे बच्चों के अंदर प्राइवेट स्कूल जैसी भावना आने लगी है और सभी बच्चे यूनिफॉर्म और जूते पाकर बहुत खुश होते हैं और विद्यालय नियमित रूप से आते हैं।
🥀जन सहभागिता:-
एसएमसी की मीटिंग में भी अथक प्रयास पर जन सहभागिता हो पाती है।
🥀अन्य सहयोग:-
पंचायती राज द्वारा विद्यालय में चाहर दिवारी, इंटरलॉकिंग नलकूप आदि की व्यवस्था करवाई गई। जिससे विद्यालय का भौतिक परिवेश आकर्षक हो गया।
👉4- विद्यालय और बच्चों की उपलब्धि:-
🥀नामांकन:- सरकार का लक्ष्य 15% था हमारे समस्त स्टाफ के अथक प्रयास से 100% बढ़ोतरी हुई। आज हमारे विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति 95% रहती ही है।
मेरा अथक प्रयास रहता है कि कोई भी बच्चा छुट्टी ना करे अगर विद्यालय आने पर मुझे किसी भी बच्चे का बिना कारण घर बैठने का पता चलता है तो मैं उसे घर से लेकर आती हूँ।
🥀हम समय- समय पर बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें पुरुस्कृत करते रहते है। विद्यालय के साथ-साथ हमारे बच्चों ने जिला स्तर पर, ब्लॉक स्तर पर व न्याय पंचायत स्तर पर भी परचम फहराया। विज्ञान में जिला स्तर खेलकूद में न्याय पंचायत एवं ब्लॉक स्तर पर , सामान्य ज्ञान वाद विवाद प्रतियोगिता में ब्लॉक स्तर पर, निबंध में ब्लॉक स्तर पर
🥀विद्यालय में प्रतिदिन योगा व पी टी करवाया जाना।
🥀मिशन द्वारा दी जाने वाली दैनिक प्रतियोगिता के प्रश्नों को बच्चों को याद करना। जिस से बच्चे नई-नई बातें सीख रहे हैं।
🥀नो बैग डे यानी शनिवार जिसका रहता है बच्चों को बेहद इंतज़ार। हर शनिवार विद्यालय में विभिन्न गतिविधियां कराई जाती है जैसे - खेल कूद, क्राफ्ट, मेहंदी, सिलाई इत्यादि।
🥀वृक्षारोपण- मेरे विद्यालय में हरियाली का बोलबाला है। हरा-भरा मेरा विद्यालय बहुत ही आकर्षक लगता है। सभी पेड़ पौधों का ध्यान बच्चे व शिक्षिकाएं बहुत ही ध्यान से करती है। मिशन द्वारा चलाया गया Red Tape movement में भी हमारे बच्चों ने व शिक्षिकाओं ने भाग लिया।
👉5- विद्यालय की उपलब्धियां:- 🥀नवाचार कचरा बीनने वाले बच्चों को शिक्षित करना।
🥀ज्ञानोत्सव कार्यक्रम में नवाचार आधारित कार्यशाला में भाग लेने का सुअवसर मिला व सम्मान भी।
🥀अन्य उपलब्धियां:- जहाँ विद्यालय में एक भी बच्चे का प्रवेश होना एक बड़ी चुनौती थी आज विद्यालय में लगभग 125 बच्चे नामांकित हैं।
👉6- मिशन शिक्षण संवाद को मेरा संदेश:- मिशन शिक्षण संवाद एक ऐसा मिशन है जिससे हमें नित्य दिन एक नई ऊर्जा, नई सोच मिलती है। मिशन की जितनी तारीफ की जाय उतना कम है उनका उद्देश्य गागर में सागर भरना है। बाल केंद्रित शिक्षा भी देना, बच्चों की शिक्षा को रुचिकर बनाना। यह सब मुझे मिशन से सीखने को मिला। मिशन का हार्दिक आभार।
👉7- संकलन एवं सहयोग:-
शिल्पी गोयल/ ज्योति कुमारी
मिशन शिक्षण संवाद बुलंदशहर।
नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बंधित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
26-11-2019
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- बुलन्दशहर की अनमोल रत्न शिक्षिका बहन अंजू यादव जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को बच्चों के लिए आकर्षक एवं सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए अनुकरणीय एवं प्रेरक है।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://www.facebook.com/1598220847122173/posts/2494336090843973/
👉1- शिक्षक परिचय:-
अंजू यादव संविलियन विद्यालय सुखलालपुर (जूनियर), बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश
प्रथम नियुक्ति : 01-05-1999 वर्तमान विद्यालय में नियुक्ति: 26-09-2016
👉2- विद्यालय की समस्याएं:-
1. नामांकन
2. चाहर दिवारी
3. जलभराव
4. बच्चों का ठहराव
5. कई विद्यालयों का पास-पास होना।
👉3- विद्यालय की समस्याओं का समाधान:-
🥀1- स्वयं का प्रयास:-
बच्चों का नामांकन विद्यालय में सबसे बड़ी चुनौती थी क्योंकि जिस गाँव में विद्यालय है, वहाँ संपन्न परिवार है। सरकारी स्कूल में पढ़ाना उनकी प्रेस्टीज डाउन होती थी। दूसरे गांव में भी विद्यालय है। दूसरे गांव में जाकर अभिभावकों से संपर्क किया। बच्चों को रुचिकर शिक्षा प्रदान करना, बाल रोजगार केंद्रित शिक्षा देना, व्यवसायिक शिक्षा देना जो बच्चों को आगे चलकर रोजगार प्रदान कर सके, जैसे सिलाई से संबंधित, शिल्प कला मिट्टी के बर्तन बनाना आदि।
🥀शिक्षकों का सहयोग:-
मुझे समस्त स्टाफ का सहयोग मिला। जिस प्रकार से बंधी झाड़ू कार्य करती है और अलग होने पर बिखर जाती है इसी तरह हम सभी में अलग-अलग गुणों का समावेश होता है। मेरे विद्यालय के प्रत्येक शिक्षक में एक अलग तरह की कुशलता है तो सभी अपनी- अपनी कुशलता बच्चों को प्रदान करते हैं और हम एक सुदृढ़ माहौल बच्चों को दे पाते हैं।
🥀जनप्रतिनिधियों का सहयोग: अभिभावक बच्चों को विद्यालय भेज देते हैं। वे अनपढ़ हैं पर हमारे लिए यही काफी है कि वो बच्चों को विद्यालय रोज भेज देते हैं। यही सबसे बड़ा योगदान है उनके अभिभावकों का।
🥀शासन का सहयोग:-
शासन की सारी लाभकारी योजनाएं बच्चों को प्रदान की जाती हैं। जिससे बच्चों के अंदर प्राइवेट स्कूल जैसी भावना आने लगी है और सभी बच्चे यूनिफॉर्म और जूते पाकर बहुत खुश होते हैं और विद्यालय नियमित रूप से आते हैं।
🥀जन सहभागिता:-
एसएमसी की मीटिंग में भी अथक प्रयास पर जन सहभागिता हो पाती है।
🥀अन्य सहयोग:-
पंचायती राज द्वारा विद्यालय में चाहर दिवारी, इंटरलॉकिंग नलकूप आदि की व्यवस्था करवाई गई। जिससे विद्यालय का भौतिक परिवेश आकर्षक हो गया।
👉4- विद्यालय और बच्चों की उपलब्धि:-
🥀नामांकन:- सरकार का लक्ष्य 15% था हमारे समस्त स्टाफ के अथक प्रयास से 100% बढ़ोतरी हुई। आज हमारे विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति 95% रहती ही है।
मेरा अथक प्रयास रहता है कि कोई भी बच्चा छुट्टी ना करे अगर विद्यालय आने पर मुझे किसी भी बच्चे का बिना कारण घर बैठने का पता चलता है तो मैं उसे घर से लेकर आती हूँ।
🥀हम समय- समय पर बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें पुरुस्कृत करते रहते है। विद्यालय के साथ-साथ हमारे बच्चों ने जिला स्तर पर, ब्लॉक स्तर पर व न्याय पंचायत स्तर पर भी परचम फहराया। विज्ञान में जिला स्तर खेलकूद में न्याय पंचायत एवं ब्लॉक स्तर पर , सामान्य ज्ञान वाद विवाद प्रतियोगिता में ब्लॉक स्तर पर, निबंध में ब्लॉक स्तर पर
🥀विद्यालय में प्रतिदिन योगा व पी टी करवाया जाना।
🥀मिशन द्वारा दी जाने वाली दैनिक प्रतियोगिता के प्रश्नों को बच्चों को याद करना। जिस से बच्चे नई-नई बातें सीख रहे हैं।
🥀नो बैग डे यानी शनिवार जिसका रहता है बच्चों को बेहद इंतज़ार। हर शनिवार विद्यालय में विभिन्न गतिविधियां कराई जाती है जैसे - खेल कूद, क्राफ्ट, मेहंदी, सिलाई इत्यादि।
🥀वृक्षारोपण- मेरे विद्यालय में हरियाली का बोलबाला है। हरा-भरा मेरा विद्यालय बहुत ही आकर्षक लगता है। सभी पेड़ पौधों का ध्यान बच्चे व शिक्षिकाएं बहुत ही ध्यान से करती है। मिशन द्वारा चलाया गया Red Tape movement में भी हमारे बच्चों ने व शिक्षिकाओं ने भाग लिया।
👉5- विद्यालय की उपलब्धियां:- 🥀नवाचार कचरा बीनने वाले बच्चों को शिक्षित करना।
🥀ज्ञानोत्सव कार्यक्रम में नवाचार आधारित कार्यशाला में भाग लेने का सुअवसर मिला व सम्मान भी।
🥀अन्य उपलब्धियां:- जहाँ विद्यालय में एक भी बच्चे का प्रवेश होना एक बड़ी चुनौती थी आज विद्यालय में लगभग 125 बच्चे नामांकित हैं।
👉6- मिशन शिक्षण संवाद को मेरा संदेश:- मिशन शिक्षण संवाद एक ऐसा मिशन है जिससे हमें नित्य दिन एक नई ऊर्जा, नई सोच मिलती है। मिशन की जितनी तारीफ की जाय उतना कम है उनका उद्देश्य गागर में सागर भरना है। बाल केंद्रित शिक्षा भी देना, बच्चों की शिक्षा को रुचिकर बनाना। यह सब मुझे मिशन से सीखने को मिला। मिशन का हार्दिक आभार।
👉7- संकलन एवं सहयोग:-
शिल्पी गोयल/ ज्योति कुमारी
मिशन शिक्षण संवाद बुलंदशहर।
नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बंधित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
26-11-2019
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