बाल दिवस है आया
एक-एक दिन गिनने के बाद,
बाल दिवस है आया जी।
खेलो कूदो मौज मनाओ,
आज नहीं है पढ़ना जी।
कितना प्यार किया करते थे,
सब बच्चों को चाचा जी।
बच्चों की स्टाल लगी है,
कुछ भी खरीदो पापा जी।
उछलो कूदो खेलो बच्चों,
हँसकर बोली मैडम जी।
चलो आओ सब मिलकर बोलें,
हैप्पी बर्थडे चाचा जी।
चाचा जी की तरह बनो तुम,
वीर पुरूष वो सच्चे थे।
हर पल एक मुस्कान बिखेरे,
बच्चों से बन जाते जी।
बाल दिवस है आया जी,
बाल दिवस है आया जी।।
रचयिता
आसिया फ़ारूक़ी,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अस्ती,
नगर क्षेत्र-फतेहपुर,
जनपद-फतेहपुर।
बाल दिवस है आया जी।
खेलो कूदो मौज मनाओ,
आज नहीं है पढ़ना जी।
कितना प्यार किया करते थे,
सब बच्चों को चाचा जी।
बच्चों की स्टाल लगी है,
कुछ भी खरीदो पापा जी।
उछलो कूदो खेलो बच्चों,
हँसकर बोली मैडम जी।
चलो आओ सब मिलकर बोलें,
हैप्पी बर्थडे चाचा जी।
चाचा जी की तरह बनो तुम,
वीर पुरूष वो सच्चे थे।
हर पल एक मुस्कान बिखेरे,
बच्चों से बन जाते जी।
बाल दिवस है आया जी,
बाल दिवस है आया जी।।
रचयिता
आसिया फ़ारूक़ी,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अस्ती,
नगर क्षेत्र-फतेहपुर,
जनपद-फतेहपुर।
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