गर्व हिंदुस्तान का
19 नवम्बर 1917 को चमका एक सितारा,
जन्म हुआ जवाहर के घर नाम इन्दिरा प्यारा।
छवि थी दमदार व बेमिसाल,
जिसमें कोई शक न सवाल।
पिता की लाडली, बापू की दुलारी,
जो जनता को थी अति प्यारी।
पिता जवाहर के गुण विरासत में पाकर,
निखरा व्यक्तित्व राजनीति में आकर।
प्रधानमन्त्री बनकर करे अनेकों काम,
ऊँचा हुआ विश्व में भारत का नाम।
कहलायी वो भरत की लौह महिला,
अचम्भित था विश्व देख उनकी लीला।
कर दिया पड़ोसियों के नाम में दम,
हर क्षेत्र में करके पस्त करदिया बेदम।
पुरी दुनिया करती हैं नमन उनको,
सर आँखों पर रखते हम हैं जिनको।
ताज पहनाया जिसने देश को स्वाभिमान का,
वो सदा बनकर रहेंगी गर्व हिंदुस्तान का।।
रचयिता
इला सिंह,
सहायक अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय पनेरुआ,
विकास खण्ड-अमौली,
जनपद-फ़तेहपुर।
जन्म हुआ जवाहर के घर नाम इन्दिरा प्यारा।
छवि थी दमदार व बेमिसाल,
जिसमें कोई शक न सवाल।
पिता की लाडली, बापू की दुलारी,
जो जनता को थी अति प्यारी।
पिता जवाहर के गुण विरासत में पाकर,
निखरा व्यक्तित्व राजनीति में आकर।
प्रधानमन्त्री बनकर करे अनेकों काम,
ऊँचा हुआ विश्व में भारत का नाम।
कहलायी वो भरत की लौह महिला,
अचम्भित था विश्व देख उनकी लीला।
कर दिया पड़ोसियों के नाम में दम,
हर क्षेत्र में करके पस्त करदिया बेदम।
पुरी दुनिया करती हैं नमन उनको,
सर आँखों पर रखते हम हैं जिनको।
ताज पहनाया जिसने देश को स्वाभिमान का,
वो सदा बनकर रहेंगी गर्व हिंदुस्तान का।।
रचयिता
इला सिंह,
सहायक अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय पनेरुआ,
विकास खण्ड-अमौली,
जनपद-फ़तेहपुर।
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