भारत को नशामुक्त देश बनाएँ

आओ सब मिल बीड़ा उठायें
भारत को नशा मुक्त देश बनायें

युवा कर रहे नशे का व्यापार
लुप्त हो रही हमारी संस्कृति और संस्कार
आज की युवा पीढ़ी की सोच निराली
दुःख निवारण की परिभाषा ही बदल डाली
जिंदगी ने दिये थोड़े से गम
नशे को बना लिया मरहम
देखो कैसा बहम है पाला
एक दुःख मिटाने हेतु
सैकड़ों दुःखों को न्योता दे डाला
एक चौपाई बड़ी पुरानी
जो बतलाती अमूल्य मानव जीवन की कहानी
बड़े भाग्य मानुष तन पावा
फिर क्यूँ करते इसको यूँ
नशे में जाया
आओ सब मिल निजात इससे पायें
भारत को नशा मुक्त देश बनायें

आज नशे की लत में डूबा प्रत्येक वर्ग
बच्चा, युवा और बुजुर्ग
झुग्गी जैसा तन बन जाता
जो था पहले जैसे दुर्ग
तम्बाकू, गुटखा, मधु और पान
इनके सेवन का होता विकट परिणाम
दमा, कैंसर जैसी भयानक बीमारियों को न्योता देते
अंत में खो देते अपने प्राण
तम्बाकू में होता निकोटीन
जो लेता खुशियाँ छीन
आओ इन खुशियों को वापस लायें
भारत को नशामुक्त देश बनायें

प्रत्येक 31 मई को तम्बाकू निषेध दिवस मनाते
क्यूँ तम्बाकू का सेवन कर
अपनी जान दाँव पर लगाते
लगानी होगी अब इस पर लगाम
सबको मिल कर करना होगा ये काम
स्वयं भी जागें औरों को भी जगायें
भारत को नशामुक्त देश बनायें

आओ सब मिल बीड़ा उठायें
भारत को नशामुक्त देश बनायें

रचयिता
रीनू पाल,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय दिलावलपुर,
विकास खण्ड - देवमई,
जनपद-फतेहपुर।

Comments

Total Pageviews