ममतामयी माँ

ममता भरी आँचल का नाम है माँ
अपना सब कुछ वार देने वाली का नाम है माँ.....
माँ के हृदय को समझे न कोई
कभी सुख में कभी दुःख में...
वो रोई ..!!
कभी हाथो से, कभी हृदय से
स्पर्श किया .....।
सभी कष्टों को बाँट लिया।
माँ की सेवा का मोल न कोई
माँ के हृदय को समझे न कोई!
       स्वर्णिम सा सुख देता हरपल
       माँ का ममतामयी आँचल
       भर देती है वो जीवन में
       मधुरणीम् प्यार पल-पल
       सुख बरसाती, मन हर्षाती
       कर देती न्यौछावर तन-मन
       और सन्तान के खातिर ....
       खुद को मिटा देती है।
      बिना अस्तित्व के ही जग में..
      पूरा जीवन जीती हैं!!!
कितना.....!! अनमोल, अविस्मरणीय हैं?
माँ की कहती अनकही कहानी
कुछ भी मिले दुनिया में
मगर .........
माँ सा सौम्य आँचल कहीं नहीं""

रचयिता
दीप्ति राय,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय रायगंज, 
विकास खण्ड-खोराबार,
जनपद-गोरखपुर।

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