विनायक दामोदर सावरकर
भारतवासियों के लिए आज भी सच्चे प्रेरणास्रोत,
अपनी देश सेवा से किया सबको ओतप्रोत।
देश की आजादी के लिए कई क्रांतिकारी गतिविधि चलायी,
अपने चिन्तन और लेखन से ब्रिटिश शासन की जड़ें हिलायीं।
हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद के विस्तारक हैं माने जाते,
विनायक दामोदर सावरकर इसीलिए हैं पूजे जाते।
नासिक षणयंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,
ब्रिटिश सरकार ने काला पानी की सजा सुनाई।
आपने 'अभिनव भारत' नामक क्रांतिकारी संगठन बनाया,
अपने प्रयास से आजादी का अलख जगाया।
बम्बई के प्रसिद्ध 'पतित पावन मन्दिर' के संस्थापक आप ही हैं माने जाते,
'द इन्डियन वार ऑफ इंडिपेंडेंस' पुस्तक से हम इतिहास की जानकारी हैं पाते।
अपनी देश सेवा से किया सबको ओतप्रोत।
देश की आजादी के लिए कई क्रांतिकारी गतिविधि चलायी,
अपने चिन्तन और लेखन से ब्रिटिश शासन की जड़ें हिलायीं।
हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद के विस्तारक हैं माने जाते,
विनायक दामोदर सावरकर इसीलिए हैं पूजे जाते।
नासिक षणयंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,
ब्रिटिश सरकार ने काला पानी की सजा सुनाई।
आपने 'अभिनव भारत' नामक क्रांतिकारी संगठन बनाया,
अपने प्रयास से आजादी का अलख जगाया।
बम्बई के प्रसिद्ध 'पतित पावन मन्दिर' के संस्थापक आप ही हैं माने जाते,
'द इन्डियन वार ऑफ इंडिपेंडेंस' पुस्तक से हम इतिहास की जानकारी हैं पाते।
रचयिता
अभिषेक शुक्ला,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय लदपुरा,
विकास क्षेत्र-अमरिया,
जिला-पीलीभीत।
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