माँ

आज मैं आपको कुछ सुनाने जा रही।
जो है मेरी धड़कन मैं उस पर कुछ बताने जा रही।।

एक था बहुत सुन्दर परिवार।
उसमें बसती खुशी अपार।।

उस घर का एक प्यारा था।
माँ की आँख का तारा था।।

करते थे सब उससे प्यार।
उसपे लुटाते खुशी अपार।।

पर हुआ एक दिन वह बीमार।
सबकी खुशियाँ हो गईं तार-तार।।

तब डॉक्टर सकते में आया।
उसकी बीमारी समझ न पाया।।

फिर एक दिन देवदूत आया।
परिवार के सदस्यों को बताया।।

यदि कोई दे दस साल दान।
तो बने रहे बच्चे के प्रान।।

दादाजी ने मनन किया।
अपनी उम्र का अध्ययन किया।।

यदि मैं दे दूँगा दस साल।
फिर मैं मर जाऊँगा तत्काल।।

पिता ने सोच विचार किया।
अपने बिजनेस को याद किया।।

दस साल यदि मैं कर दूँ दान।
फिर न बन पाऊँगा महान।।

बहन ने अपना यौवन देखा।
जीवन साथी के बारे में सोचा।।

फिर एक दिन हुआ कमाल।
बच्चा स्वस्थ हुआ तत्काल।।

चकित हुआ पूरा परिवार।
पर माँ को देखा जब उस वार।।

वृद्धा हुई माँ तत्काल।
दे दिए बेटे को दस साल।।

देखकर सब हो गए हैरान।
इस दुनिया में माँ सबसे महान।।

जो था मेरे दिल में आज सब कुछ बताया है तुम्हें।
माँ है मेरी धड़कन जिसपे कविता सुनाई है तुम्हें।।
       
रचनाकार
पूजा दुबे,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय बिहारा-1,
विकास क्षेत्र व जनपद-चित्रकूट।

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