३२९~ अतुल कुमार प्रा०वि० भाल द्वितीय (अंग्रेजी माध्यम) वि०ख०- राजपुर, जनपद -कानपुर देहात
🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- कानपुर देहात से एक ऐसे असम्भव को सम्भव बनाने वाले अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई अतुल गुप्ता जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से एक ऐसे विद्यालय का कायाकल्प किया, जहाँ कोई भी नौकर भाव से काम करने वाला शिक्षक साथी विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बनाने के लिए असम्भव, असम्भव, असम्भव कह कर हजारों ऐसी अपेक्षाओं की समाज और सरकार के लिए सूची प्रस्तुत करता। जिसे देख कर कोई भी जन सामान्य असम्भव शब्द की सरकारी विद्यालय के लिए धारणा बना लेता। लेकिन आपने वहीं, उसी असम्भव शब्द की असम्भव कल्पना से अ को हटाते हुए, विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र और असम्भव को सम्भव बनाकर हम सभी के लिए प्रेरक, प्रेरणा को अनुकरणीय बना दिया। हम मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से ऐसे अनमोल रत्न शिक्षक साथी एवं सहयोगी विद्यालय परिवार का कोटि-कोटि अभिवादन करते हैं।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2342242209386696&id=1598220847122173
॥ सामान्य परिचय ॥
प्रा०वि० भाल द्वितीय, जनपद- कानपुर देहात के वि०ख०- राजपुर की न्याय पंचायत भाल के अन्तर्गत ग्राम पंचायत भाल में स्थित है। हमारा विद्यालय तहसील मुख्यालय से लगभग 15 कि०मी० व brc केंद्र से 5 कि०मी० की दूरी पर स्थित है।
6 दिसम्बर- 2014 को मैंने प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया। उस समय विद्यालय में एक स०अ० व एक शि०मि० व 66 बच्चे नामांकित थे। विद्यालय की भौतिक व शैक्षिक स्थिति बहुत ही अव्यवस्थित व दयनीय थी। विद्यालय में किसी भी प्रकार के पेड़ पौधे नहीं थे। चारों तरफ का वातवरण बहुत ही गंदा था। तत्पच्छात हमने अपने कर्तव्यों का निर्धारण करते हुए विद्यालय स्टाफ व बच्चों के साथ आत्मीय सम्बन्ध बनाते हुए लक्ष्य निर्धारित किया कि हमारे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले और सम्पूर्ण विकास हो तथा विद्यालय का भौतिक परिवेश प्राकृतिक रूप से सुन्दर हो व बच्चों को सभी प्रकार की सुविधाएं मिले तथा विद्यालय की गणना उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में हो। इसके लिए व्यक्तिगत रूप से, विद्यालय स्टाफ के सहयोग से, बच्चों के सहयोग से, अभिभावकों के सहयोग से, ग्राम प्रधान के सहयोग से विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने के लिए अनेक कार्य किये। जिनका विवरण निम्न है।
👉(1) विद्यालय की सुरक्षा:-
इसके लिए सर्वप्रथम विद्यालय की चहारदीवारी के ऊपर कँटीले तार लगवाए।
👉(2) भौतिक परिवेशः-
विद्यालय का भौतिक परिवेश सुन्दर व प्रकृति से जोड़ने के लिए विद्यालय के अव्यवस्थित ऊबड़-खाबड़ मैदान को समतल कराकर व्यवस्थित ढंग से अनेक छायादार, फलदार, शोभादार, मौसमी फूल व सब्जी वाले वृक्ष व पौधे और गमले लगवाए। जो विद्यालय की शोभा बढ़ाकर विद्यालय के मैदान को सुन्दर पार्क के रूप में प्रदर्शित करता है तथा विद्यालय की अंदर बाहर की दीवारों पर सुन्दर चित्र बनवाए।
👉(3) पेयजल सुबिधाः-
इसके लिए व्यक्तिगत रूप से समर व प्रधान जी के सहयोग से हैण्डपम्प से शौचालय तक पाइप फिटिंग, पानी की टंकी व एक जगह दीवार पर 6 टोंटियाँ लगवाई जिससे बच्चें आसानी से पानी पी सके।
👉(4) शौचालय व्यवस्थाः-
उस समय विद्यालय में सभी शौचालय अक्रियाशील थे उनको सही कराकर क्रियाशील बनाया व प्रधान जी के सहयोग से एक मॉडल शौचालय का निर्माण हुआ।
👉(5) भोजन व्यवस्थाः-
रसोई घर की सफाई पर विशेष ध्यान दिया व भोजन गुणवत्ता युक्त बनवाया और भोजनावकाश के समय अध्यापकों व बच्चों की एक टीम बनायी जो कि बच्चों को खाने से पूर्व हाथ धोकर पंक्तिबद्ध रूप से बैठने में सहायता करते तथा सभी बच्चें भोजन मंत्र करने के बाद एक साथ खाना प्रारंभ करते हैं।
👉(6) प्रार्थना सभा व अन्यः-
प्रार्थना सभा पर प्रतिदिन प्रार्थना के अतिरिक्त राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत, प्रेरक प्रसंग, gk, योगासन, स्वच्छता का निरीक्षण होता हैं। जिसका संचालन माइक के द्वारा होता हैं।
इसके अतिरिक्त विद्यालय में समय- समय पर बाल सभा, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन, भिन्न-भिन्न प्रतियोगितायों का आयोजन होता हैं।
👉(7) शिक्षण व्यवस्था व नामांकनः-
समयसारिणी के अनुसार शिक्षण कार्य, कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान, हिन्दी व अंग्रेजी सुलेख पर विशेष ध्यान। सतत अभिभावकों से संपर्क करना।
👉(8) नामांकन की प्रगतिः-
सत्र 2014-15 = 66
सत्र 2015-16 = 69
सत्र 2016-17 = 105
सत्र 2017-18 = 105
सत्र 2018-19 = 112
सत्र 2019-20 = 131 नामांकन रहा।
📋विद्यालय की उपलब्धियां📋
👉(1) अक्टूबर-2018 में विद्यालय स्वच्छ विद्यालय पुरुस्कार से सम्मानित।
👉(2) 5 सितम्बर-2018 को जिलाधिकारी द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक पुरुस्कार से सम्मानित।
👉(3) 2अक्टूबर-2018 को कक्षा-5 के भैया आनंद को जिलाधिकारी द्वारा निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम पुरुस्कार मिला।
👉(4) सत्र 2017-18 व 2018-19 में जिले की उत्कृष्ट विद्यालय की सूची में स्थान।
👉(5) सत्र 2019-20 से विद्यालय का मॉडल अंग्रेजी माध्यम में चयन
👉(6) बच्चों की उपस्थिति लगभग 75-80%
👉(7) विद्यालय के लगभग 40% बच्चें अंग्रेजी में सुन्दर cursive writting लिखते हैं।
अंत में विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य उज्जवल हो। अतीत से यह विद्यालय समाज की सेवा कर रहा हैं और यह कामना करता हूँ कि भविष्य में भी यह विद्यालय समाज की सेवा और विकास के लिए अग्रसर रहेगा।
॥ जय हिन्द, जय भारत ॥
सादर🙏
अतुल कुमार प्रा०वि० भाल द्वितीय (अंग्रेजी माध्यम) वि०ख०- राजपुर
जनपद -कानपुर देहात
नोट: आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 & 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
साभारः
टीम मिशन शिक्षण संवाद
25-05-2019
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- कानपुर देहात से एक ऐसे असम्भव को सम्भव बनाने वाले अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई अतुल गुप्ता जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से एक ऐसे विद्यालय का कायाकल्प किया, जहाँ कोई भी नौकर भाव से काम करने वाला शिक्षक साथी विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बनाने के लिए असम्भव, असम्भव, असम्भव कह कर हजारों ऐसी अपेक्षाओं की समाज और सरकार के लिए सूची प्रस्तुत करता। जिसे देख कर कोई भी जन सामान्य असम्भव शब्द की सरकारी विद्यालय के लिए धारणा बना लेता। लेकिन आपने वहीं, उसी असम्भव शब्द की असम्भव कल्पना से अ को हटाते हुए, विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र और असम्भव को सम्भव बनाकर हम सभी के लिए प्रेरक, प्रेरणा को अनुकरणीय बना दिया। हम मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से ऐसे अनमोल रत्न शिक्षक साथी एवं सहयोगी विद्यालय परिवार का कोटि-कोटि अभिवादन करते हैं।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2342242209386696&id=1598220847122173
॥ सामान्य परिचय ॥
प्रा०वि० भाल द्वितीय, जनपद- कानपुर देहात के वि०ख०- राजपुर की न्याय पंचायत भाल के अन्तर्गत ग्राम पंचायत भाल में स्थित है। हमारा विद्यालय तहसील मुख्यालय से लगभग 15 कि०मी० व brc केंद्र से 5 कि०मी० की दूरी पर स्थित है।
6 दिसम्बर- 2014 को मैंने प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया। उस समय विद्यालय में एक स०अ० व एक शि०मि० व 66 बच्चे नामांकित थे। विद्यालय की भौतिक व शैक्षिक स्थिति बहुत ही अव्यवस्थित व दयनीय थी। विद्यालय में किसी भी प्रकार के पेड़ पौधे नहीं थे। चारों तरफ का वातवरण बहुत ही गंदा था। तत्पच्छात हमने अपने कर्तव्यों का निर्धारण करते हुए विद्यालय स्टाफ व बच्चों के साथ आत्मीय सम्बन्ध बनाते हुए लक्ष्य निर्धारित किया कि हमारे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले और सम्पूर्ण विकास हो तथा विद्यालय का भौतिक परिवेश प्राकृतिक रूप से सुन्दर हो व बच्चों को सभी प्रकार की सुविधाएं मिले तथा विद्यालय की गणना उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में हो। इसके लिए व्यक्तिगत रूप से, विद्यालय स्टाफ के सहयोग से, बच्चों के सहयोग से, अभिभावकों के सहयोग से, ग्राम प्रधान के सहयोग से विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने के लिए अनेक कार्य किये। जिनका विवरण निम्न है।
👉(1) विद्यालय की सुरक्षा:-
इसके लिए सर्वप्रथम विद्यालय की चहारदीवारी के ऊपर कँटीले तार लगवाए।
👉(2) भौतिक परिवेशः-
विद्यालय का भौतिक परिवेश सुन्दर व प्रकृति से जोड़ने के लिए विद्यालय के अव्यवस्थित ऊबड़-खाबड़ मैदान को समतल कराकर व्यवस्थित ढंग से अनेक छायादार, फलदार, शोभादार, मौसमी फूल व सब्जी वाले वृक्ष व पौधे और गमले लगवाए। जो विद्यालय की शोभा बढ़ाकर विद्यालय के मैदान को सुन्दर पार्क के रूप में प्रदर्शित करता है तथा विद्यालय की अंदर बाहर की दीवारों पर सुन्दर चित्र बनवाए।
👉(3) पेयजल सुबिधाः-
इसके लिए व्यक्तिगत रूप से समर व प्रधान जी के सहयोग से हैण्डपम्प से शौचालय तक पाइप फिटिंग, पानी की टंकी व एक जगह दीवार पर 6 टोंटियाँ लगवाई जिससे बच्चें आसानी से पानी पी सके।
👉(4) शौचालय व्यवस्थाः-
उस समय विद्यालय में सभी शौचालय अक्रियाशील थे उनको सही कराकर क्रियाशील बनाया व प्रधान जी के सहयोग से एक मॉडल शौचालय का निर्माण हुआ।
👉(5) भोजन व्यवस्थाः-
रसोई घर की सफाई पर विशेष ध्यान दिया व भोजन गुणवत्ता युक्त बनवाया और भोजनावकाश के समय अध्यापकों व बच्चों की एक टीम बनायी जो कि बच्चों को खाने से पूर्व हाथ धोकर पंक्तिबद्ध रूप से बैठने में सहायता करते तथा सभी बच्चें भोजन मंत्र करने के बाद एक साथ खाना प्रारंभ करते हैं।
👉(6) प्रार्थना सभा व अन्यः-
प्रार्थना सभा पर प्रतिदिन प्रार्थना के अतिरिक्त राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत, प्रेरक प्रसंग, gk, योगासन, स्वच्छता का निरीक्षण होता हैं। जिसका संचालन माइक के द्वारा होता हैं।
इसके अतिरिक्त विद्यालय में समय- समय पर बाल सभा, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन, भिन्न-भिन्न प्रतियोगितायों का आयोजन होता हैं।
👉(7) शिक्षण व्यवस्था व नामांकनः-
समयसारिणी के अनुसार शिक्षण कार्य, कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान, हिन्दी व अंग्रेजी सुलेख पर विशेष ध्यान। सतत अभिभावकों से संपर्क करना।
👉(8) नामांकन की प्रगतिः-
सत्र 2014-15 = 66
सत्र 2015-16 = 69
सत्र 2016-17 = 105
सत्र 2017-18 = 105
सत्र 2018-19 = 112
सत्र 2019-20 = 131 नामांकन रहा।
📋विद्यालय की उपलब्धियां📋
👉(1) अक्टूबर-2018 में विद्यालय स्वच्छ विद्यालय पुरुस्कार से सम्मानित।
👉(2) 5 सितम्बर-2018 को जिलाधिकारी द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक पुरुस्कार से सम्मानित।
👉(3) 2अक्टूबर-2018 को कक्षा-5 के भैया आनंद को जिलाधिकारी द्वारा निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम पुरुस्कार मिला।
👉(4) सत्र 2017-18 व 2018-19 में जिले की उत्कृष्ट विद्यालय की सूची में स्थान।
👉(5) सत्र 2019-20 से विद्यालय का मॉडल अंग्रेजी माध्यम में चयन
👉(6) बच्चों की उपस्थिति लगभग 75-80%
👉(7) विद्यालय के लगभग 40% बच्चें अंग्रेजी में सुन्दर cursive writting लिखते हैं।
अंत में विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य उज्जवल हो। अतीत से यह विद्यालय समाज की सेवा कर रहा हैं और यह कामना करता हूँ कि भविष्य में भी यह विद्यालय समाज की सेवा और विकास के लिए अग्रसर रहेगा।
॥ जय हिन्द, जय भारत ॥
सादर🙏
अतुल कुमार प्रा०वि० भाल द्वितीय (अंग्रेजी माध्यम) वि०ख०- राजपुर
जनपद -कानपुर देहात
नोट: आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 & 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
साभारः
टीम मिशन शिक्षण संवाद
25-05-2019
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