लड़कियाँ
आज दिल की बातों को कागज पर उतारने की बारी आयी है,
लड़की हूँ मैं और आज ये बात फिर मेरे दिल में आयी है,
लड़के रोए तो लोग कहते हैं लड़कियों की तरह क्यूँ रो रहे हो,
क्यूँ ?
क्या लड़कियों ने ये इमोशन अपने नाम करवाई है..??
इमोशन छिपाना गलत है
इमोशन दिखाना गलत है
तब लड़कियाँ क्यूँ इस दुनिया मे आयीं हैं..?
सब कहते हैं, अच्छे से बोलो, धीरे बोलो, अच्छे कपड़े पहनो
कम हँसो, कम बोलो
क्यूँ?
क्योंकि लोग क्या कहेंगे।
अरे!
लोगों की सुनने ही तो लड़कियाँ दुनिया मे आयीं हैं।
चाहे जितना दबा लो लड़कियों को,
लड़कियाँ ही उभरते आयी हैं।
तो कृपया उन्हें अधिकार से जीने दें।
क्योंकि आज तक लड़कियाँ पीछे नहीं रह पायी हैं।।।
रचयिता
श्वेता सिंह,
सहायक शिक्षिका,
प्राथमिक विद्यालय मढ़वाॅ,
विकास खण्ड-हरहुआ,
जनपद-वाराणसी।
लड़की हूँ मैं और आज ये बात फिर मेरे दिल में आयी है,
लड़के रोए तो लोग कहते हैं लड़कियों की तरह क्यूँ रो रहे हो,
क्यूँ ?
क्या लड़कियों ने ये इमोशन अपने नाम करवाई है..??
इमोशन छिपाना गलत है
इमोशन दिखाना गलत है
तब लड़कियाँ क्यूँ इस दुनिया मे आयीं हैं..?
सब कहते हैं, अच्छे से बोलो, धीरे बोलो, अच्छे कपड़े पहनो
कम हँसो, कम बोलो
क्यूँ?
क्योंकि लोग क्या कहेंगे।
अरे!
लोगों की सुनने ही तो लड़कियाँ दुनिया मे आयीं हैं।
चाहे जितना दबा लो लड़कियों को,
लड़कियाँ ही उभरते आयी हैं।
तो कृपया उन्हें अधिकार से जीने दें।
क्योंकि आज तक लड़कियाँ पीछे नहीं रह पायी हैं।।।
रचयिता
श्वेता सिंह,
सहायक शिक्षिका,
प्राथमिक विद्यालय मढ़वाॅ,
विकास खण्ड-हरहुआ,
जनपद-वाराणसी।
Ajad abhivykti
ReplyDeleteसोचिए लोग लड़कियों को मना करते हैं और लड़कों से क्या क्या करने के कहते हैं। ग़म वहां भी है यहां भी , न जीने हमें देंगे न तुम्हें।
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