३२५~ आभा मिश्रा, प्रधानाध्यापिका प्राथमिक विद्यालय गलाथा, देवमई, फ़तेहपुर
🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद-फतेहपुर से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन आभा मिश्रा जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच एवं प्रेरक शिक्षण गतिविधियों के माध्यम से अपने विद्यालय को बच्चों के लिए आकर्षक एवं अभिभावकों के लिए विश्वास का केन्द्र बना दिया है। जो हम जैसे अनेकों शिक्षक साथियों के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://www.facebook.com/1598220847122173/posts/2330938847183699/
👉🏻 मैं आभा मिश्रा, प्रधानाध्यापिका प्राथमिक विद्यालय गलाथा, देवमई, फ़तेहपुर। प्रथम नियुक्ति 17/ 02/ 2009 एवं वर्तमान विद्यालय में मेरी नियुक्ति वर्ष 2015 में हुई थी।
मेरी नियुक्ति के समय विद्यालय की दशा और दिशा दोनों ही ख़राब थीं। उस समय विद्यालय में मेरे अलावा एक मात्र शिक्षामित्र तैनात थे। छात्र नामांकन 102 था और उपस्थिति लगभग 30 से 35 प्रतिशत के बीच बनी रहती थी।
विद्यालय चाहरदीवारी रहित था। रैम्प, फ़र्श, दरवाजे, खिड़की और शौचालय आदि टूटे पड़े थे। बच्चों में स्वच्छता के प्रति कोई जागरूकता न थी।
👉🏻 छात्र उपस्थिति बढ़ाने के लिए नियमित अभिभावक सम्पर्क कर उन्हें सरकारी स्कूल के लिए प्रेरित किया और विद्यालय के प्रति उनके नकारात्मक भाव को सकारात्मक किया। बच्चों के विद्यालय न आने की एक बड़ी समस्या उनके घरों में 2 से 5 वर्ष के बीच बच्चों का होना था। इसके लिए मैंने विद्यालय में ही संचालित आंगनवाड़ी केंद्र की प्रभारी से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनके न रहने पर भी मैं उन बच्चों का ख्याल रखूँगी। इसके अलावा विभिन्न प्रकार की बैठकों का भी लाभ हुआ है।
👉🏻 विद्यालय परिसर को विद्यालयी रूप प्रदान करने के लिए खिड़की, दरवाजे, फर्श आदि का मरम्मतीकरण कराया गया और रँगाई-पुताई के द्वारा विद्यालय को आकषर्क रूप प्रदान करने का प्रयास किया।
👉🏻 बाल संसद का गठन करके बच्चों को विद्यालय के प्रति जिम्मेदार बनाया गया। विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं जैसे- सुलेख, निबन्ध आदि का आयोजन करके बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया। जिससे बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत हो सके। छात्रों की नियमित उपस्थिति के साथ साफ-सफ़ाई पर भी ज़ोर दिया गया। इसके लिए प्रत्येक माह के अन्तिम दिन स्टार ऑफ द मन्थ की शुरुआत की। इन सब प्रयासों की बदौलत अब उपस्थिति 70-75 प्रतिशत रहने लगी।
👉🏻 गुणवत्ता में सुधार हेतु नित नए टीएलएम का प्रयोग एवं नवाचार के माध्यम से शिक्षण कार्य प्रारम्भ किया। नवाचार के लिए प्लस प्वाइंट रहा कि मुझे इलाहाबाद, आगरा, कन्नौज जैसे जनपदों में टीएलएम प्रदर्शनी में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ। इन जनपदों के उच्चाधिकारियों के द्वारा मेरे कार्यों की सराहना के साथ मुझे सम्मानित भी किया गया।
👉🏻 वर्ष 2018-19 में मेरे विद्यालय का चयन अंग्रेजी माध्यम शिक्षण के लिए हुआ। यही नहीं मेरा विद्यालय जनपद के उत्कृष्ट विद्यालयों की सूची में भी शामिल हुआ। विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने में मेरे साथ साथ दो सहायक अध्यापिकाएं श्रीमती मोनिका व श्रीमती प्रभजोत कौर एवं दोनों शिक्षा मित्रों का भरपूर सहयोग मिला। उत्कृष्ट विद्यालय हेतु जिलाधिकारी महोदय के द्वारा हमें सम्मानित भी किया गया।
👉🏻 आज मेरे विद्यालय में रनिंग वाटर की व्यवस्था, मॉडर्न शौचालय, स्टाफ़ के लिए फ़र्नीचर, विद्युतीकरण, लाउडस्पीकर के साथ म्यूजिक सिस्टम जैसी सुविधाएं हैं। छात्र इंग्लिश में प्रेयर, प्लेज़, स्टोरी टेलिंग व खेल-खेल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
👉🏻 मेरे कार्यभार ग्रहण करने से अब तक विद्यालय का नामांकन निम्नवत रहा--
वर्ष- 2014-15 102
वर्ष- 2015-16 103
वर्ष- 2016-17 114
वर्ष- 2017-18 127
वर्ष- 2018-19 139
👉🏻 शिक्षकों के लिए संदेश-
*न पूछो कि है मेरी मंज़िल कहाँ, अभी तो सफ़र का इरादा किया है, न हारूँगी मैं कभी उम्रभर, किसी से नहीं खुद से ये वादा किया है।।*
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👉🏻 विद्यालय का नाम प्राथमिक विद्यालय गलाथा।
विकास खण्ड- देवमई
जनपद- फ़तेहपुर
संकलन:- बबलू सोनी
टीम मिशन शिक्षण संवाद
नोट: आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 & 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
साभारः
टीम मिशन शिक्षण संवाद
11-05-2019
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://www.facebook.com/1598220847122173/posts/2330938847183699/
👉🏻 मैं आभा मिश्रा, प्रधानाध्यापिका प्राथमिक विद्यालय गलाथा, देवमई, फ़तेहपुर। प्रथम नियुक्ति 17/ 02/ 2009 एवं वर्तमान विद्यालय में मेरी नियुक्ति वर्ष 2015 में हुई थी।
मेरी नियुक्ति के समय विद्यालय की दशा और दिशा दोनों ही ख़राब थीं। उस समय विद्यालय में मेरे अलावा एक मात्र शिक्षामित्र तैनात थे। छात्र नामांकन 102 था और उपस्थिति लगभग 30 से 35 प्रतिशत के बीच बनी रहती थी।
विद्यालय चाहरदीवारी रहित था। रैम्प, फ़र्श, दरवाजे, खिड़की और शौचालय आदि टूटे पड़े थे। बच्चों में स्वच्छता के प्रति कोई जागरूकता न थी।
👉🏻 छात्र उपस्थिति बढ़ाने के लिए नियमित अभिभावक सम्पर्क कर उन्हें सरकारी स्कूल के लिए प्रेरित किया और विद्यालय के प्रति उनके नकारात्मक भाव को सकारात्मक किया। बच्चों के विद्यालय न आने की एक बड़ी समस्या उनके घरों में 2 से 5 वर्ष के बीच बच्चों का होना था। इसके लिए मैंने विद्यालय में ही संचालित आंगनवाड़ी केंद्र की प्रभारी से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनके न रहने पर भी मैं उन बच्चों का ख्याल रखूँगी। इसके अलावा विभिन्न प्रकार की बैठकों का भी लाभ हुआ है।
👉🏻 विद्यालय परिसर को विद्यालयी रूप प्रदान करने के लिए खिड़की, दरवाजे, फर्श आदि का मरम्मतीकरण कराया गया और रँगाई-पुताई के द्वारा विद्यालय को आकषर्क रूप प्रदान करने का प्रयास किया।
👉🏻 बाल संसद का गठन करके बच्चों को विद्यालय के प्रति जिम्मेदार बनाया गया। विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं जैसे- सुलेख, निबन्ध आदि का आयोजन करके बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया। जिससे बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत हो सके। छात्रों की नियमित उपस्थिति के साथ साफ-सफ़ाई पर भी ज़ोर दिया गया। इसके लिए प्रत्येक माह के अन्तिम दिन स्टार ऑफ द मन्थ की शुरुआत की। इन सब प्रयासों की बदौलत अब उपस्थिति 70-75 प्रतिशत रहने लगी।
👉🏻 गुणवत्ता में सुधार हेतु नित नए टीएलएम का प्रयोग एवं नवाचार के माध्यम से शिक्षण कार्य प्रारम्भ किया। नवाचार के लिए प्लस प्वाइंट रहा कि मुझे इलाहाबाद, आगरा, कन्नौज जैसे जनपदों में टीएलएम प्रदर्शनी में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ। इन जनपदों के उच्चाधिकारियों के द्वारा मेरे कार्यों की सराहना के साथ मुझे सम्मानित भी किया गया।
👉🏻 वर्ष 2018-19 में मेरे विद्यालय का चयन अंग्रेजी माध्यम शिक्षण के लिए हुआ। यही नहीं मेरा विद्यालय जनपद के उत्कृष्ट विद्यालयों की सूची में भी शामिल हुआ। विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने में मेरे साथ साथ दो सहायक अध्यापिकाएं श्रीमती मोनिका व श्रीमती प्रभजोत कौर एवं दोनों शिक्षा मित्रों का भरपूर सहयोग मिला। उत्कृष्ट विद्यालय हेतु जिलाधिकारी महोदय के द्वारा हमें सम्मानित भी किया गया।
👉🏻 आज मेरे विद्यालय में रनिंग वाटर की व्यवस्था, मॉडर्न शौचालय, स्टाफ़ के लिए फ़र्नीचर, विद्युतीकरण, लाउडस्पीकर के साथ म्यूजिक सिस्टम जैसी सुविधाएं हैं। छात्र इंग्लिश में प्रेयर, प्लेज़, स्टोरी टेलिंग व खेल-खेल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
👉🏻 मेरे कार्यभार ग्रहण करने से अब तक विद्यालय का नामांकन निम्नवत रहा--
वर्ष- 2014-15 102
वर्ष- 2015-16 103
वर्ष- 2016-17 114
वर्ष- 2017-18 127
वर्ष- 2018-19 139
👉🏻 शिक्षकों के लिए संदेश-
*न पूछो कि है मेरी मंज़िल कहाँ, अभी तो सफ़र का इरादा किया है, न हारूँगी मैं कभी उम्रभर, किसी से नहीं खुद से ये वादा किया है।।*
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👉🏻 विद्यालय का नाम प्राथमिक विद्यालय गलाथा।
विकास खण्ड- देवमई
जनपद- फ़तेहपुर
संकलन:- बबलू सोनी
टीम मिशन शिक्षण संवाद
नोट: आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 & 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
साभारः
टीम मिशन शिक्षण संवाद
11-05-2019
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