छवि बुद्ध की
दृढ़ता समता के पथ पर बढ़ना
तुम औरों को सिखलाना
गर बुद्ध के उपदेशों पर चल
तुम स्वयं बुद्ध ना बन पाना
शिक्षक का तो है धर्म यही
मार्ग सत्य का दिखलाना
ये माना सरल नहीं है इतना
ज्ञान मशाल यूँ बन जाना
किंतु कम नहीं है दीपक बन
दिव्य प्रकाश को फैलाना
जब दीपक भी न बन पाना
जल जाना बन दीपक बाती
बनकर अविरल ज्योति पुंज
तुम पथ प्रशस्तिमय कर जाना
उर में संयम जब ले आएँगे
वे स्वयं सिद्ध तब हो पाएँगे
प्रतिमान प्रकाशित बन जाएँगे
उत्तम परिणाम भी मिल पाएँगे
देखना एक दिन आएगा फिर......
सब 'छवि' बुद्ध की बन जाएँगे।
रचयिता
छवि अग्रवाल,
सहायक शिक्षिका,
प्राथमिक विद्यालय बनपुरवा,
काशी विद्यापीठ,
जनपद-वाराणसी।
तुम औरों को सिखलाना
गर बुद्ध के उपदेशों पर चल
तुम स्वयं बुद्ध ना बन पाना
शिक्षक का तो है धर्म यही
मार्ग सत्य का दिखलाना
ये माना सरल नहीं है इतना
ज्ञान मशाल यूँ बन जाना
किंतु कम नहीं है दीपक बन
दिव्य प्रकाश को फैलाना
जब दीपक भी न बन पाना
जल जाना बन दीपक बाती
बनकर अविरल ज्योति पुंज
तुम पथ प्रशस्तिमय कर जाना
उर में संयम जब ले आएँगे
वे स्वयं सिद्ध तब हो पाएँगे
प्रतिमान प्रकाशित बन जाएँगे
उत्तम परिणाम भी मिल पाएँगे
देखना एक दिन आएगा फिर......
सब 'छवि' बुद्ध की बन जाएँगे।
रचयिता
छवि अग्रवाल,
सहायक शिक्षिका,
प्राथमिक विद्यालय बनपुरवा,
काशी विद्यापीठ,
जनपद-वाराणसी।
उत्कृष्ट प्रेरणादायक रचना
ReplyDeleteअति सुंदर रचना👌👌💐💐
ReplyDeletegreat
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