अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक,83,सुचिता राठौर ,औरैया

*👩🏻‍🏫अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक*

*मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी*
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*👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तीकरण- 83*
(दिनाँक- 25 मई 2019)
नाम-सुचिता राठौर
पद-प्रधानाध्यापक
विद्यालय-प्राथमिक विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम)भटौली ,
वि.खंड -बिधूना जनपद-औरैया

सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-
👉
मेरी नियुक्ति सन 2009 में औरैया  जनपद के अजीतमल ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय दरबटपुर में हुई थी,जो घर से 42 किलोमीटर की दूरी पर था। वहां की स्थिति खराब थी व् विद्यालय समय पर नहीं खुलता था, जो मेरे जाने के बाद ससमय खुला एवं पढ़ाई में बहुत अच्छे ढंग से सुधार हुआ। प्रेग्नेंट होने के बावजूद जहां सड़क खराब थी व सड़क का निर्माण कार्य चल रहा था ,मैंने समर्पित भाव से कार्य किया,जो उस समय तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी ने जब सुबह 6:45 बजे के आसपास  विद्यालय का निरीक्षण किया तब मैं विद्यालय में उपस्थित थी और तत्कालीन बी.एस.ए  श्री राजबहादुर मौर्य द्वारा निरीक्षण किया गया, जिसमें छात्र संख्या के साथ साथ शैक्षिक गुणवत्ता भी बेहतर पाई गई और उनके द्वारा भूर भूर प्रशंसा की गई।उसके बाद 2011 में मेरा समायोजन प्राथमिक विद्यालय कवा विकासखंड एरवा कटरा में हुआ उस विद्यालय में भी अपनी 3 महीने की बच्ची के साथ संघर्ष पूर्ण ढंग से, बच्ची के लिए झूले की व्यवस्था कर, अपने बच्चों व विद्यालय के लिए समर्पित भाव से कार्य किया । मिडिल स्कूल एक ही कैंपस में और वहां कम स्टाफ होने के कारण प्रधानाध्यापक के निवेदन पर उन बच्चों की इंग्लिश की 1 घंटे की क्लास भी लेती थी। सन 2014 में प्रमोशन के दौरान प्राथमिक विद्यालय रतनपुर विकासखंड बिधूना में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्य भार ग्रहण किया वहां की स्थिति भी ठीक नहीं थी , स्कूल का गेट खुला रहता था व जानवरों का आना-जाना, नहलाना आदि स्कूल के नल से ही होता था। स्कूल में एक भी पेड़-पौधा नहीं रहता था,बहुत ही दयनीय स्थिति थी ,इसके लिए मुझे कुछ सख्त कदम उठाने पड़े और अभिभावकों व अपने छात्रों को समझा कर विपरीत परिस्थिति में  मेहनत व् लगन से कार्य कर,  विद्यालय में सौंदर्यीकरण कराया जिससे  छात्र संख्या भी 55 से 93 हो गई ।
2018 में मेरा चयन अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर प्राथमिक विद्यालय भटौली विकासखंड बिधूना में हुआ।
अनेकों विपरीत परिस्थितियों में हार न मानते हुए कर्मठता व् लगन के साथ कार्य किया जिससे  यहां प्राइवेट स्कूल के बच्चों ने दाखिला लिया।
   अन्य संगठनों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया एवं मिशन शिक्षण संवाद औरैया जनपद के अनमोल रत्न में भी मेरा नाम शामिल किया गया ।

बस कार्य करते चलो ,
मिलेगा तुमको फल,
आज नहीं तो कल ।

           धन्यवाद

_✏संकलन_
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद।*

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