गरमी आई-छुट्टी आई
गरमी आई-गरमी आई,
अपने संग छुट्टी लाई।
जब घूमने जाओ तुम,
इतना याद रखना तुम।
पानी पीना खूब तुम,
कच्चा प्याज खाना तुम।
गरमी से बच जाओगे,
अच्छे से घूम पाओगे।
नाना-नानी, दादा-दादी,
बाहर रहो तो याद सताती।
छुट्टी में हम मिलने जाएँ,
बड़ों का खूब प्यार पाएँ।
छुट्टी का सदुपयोग करो तुम,
घूमने के साथ पढ़ाई करो तुम।
एक पंथ दो काज हो जाएँ,
कोई नुकसान न होने पाए।
साल भर की मस्ती कर लो,
बचपना अपना जी भर जी लो।
फिर लौटकर न वापस आए,
सिर्फ यादें ही रह जाएँ।
गरमी आई- गरमी आई,
अपने संग खुशियाँ लाई।
खुशियों संग वापस लौट आना,
जल्दी ही स्कूल लौट आना।
रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।
अपने संग छुट्टी लाई।
जब घूमने जाओ तुम,
इतना याद रखना तुम।
पानी पीना खूब तुम,
कच्चा प्याज खाना तुम।
गरमी से बच जाओगे,
अच्छे से घूम पाओगे।
नाना-नानी, दादा-दादी,
बाहर रहो तो याद सताती।
छुट्टी में हम मिलने जाएँ,
बड़ों का खूब प्यार पाएँ।
छुट्टी का सदुपयोग करो तुम,
घूमने के साथ पढ़ाई करो तुम।
एक पंथ दो काज हो जाएँ,
कोई नुकसान न होने पाए।
साल भर की मस्ती कर लो,
बचपना अपना जी भर जी लो।
फिर लौटकर न वापस आए,
सिर्फ यादें ही रह जाएँ।
गरमी आई- गरमी आई,
अपने संग खुशियाँ लाई।
खुशियों संग वापस लौट आना,
जल्दी ही स्कूल लौट आना।
रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।
Sundar rachna
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