माँ को नमन

घर को मंदिर बनाती है माँ,
आँगन की रौनक बढ़ाती है माँ।
लाख दुख दर्द हँसकर है सहती,
भूले से भी वो किसी से न कहती।
बीमारी मे भी दायित्व है निभाती,
परिवार के लिए सब सह जाती।
अपनी कभी भी फिक्र न करती,
सदा खुश निज बच्चों संग रहती।
अपनी हिम्मत से घर है सम्हाले,
माँ को नमन करो ये दुनियावाले।

रचयिता
अभिषेक शुक्ला,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय लदपुरा,
विकास क्षेत्र-अमरिया,
जिला-पीलीभीत।
मो.न.9450375290


Comments

Total Pageviews