गर्मी का मौसम

आग बरसती आसमान से
तपती धरती माता है।
इसीलिए गर्मी का मौसम
हमें बिल्कुल न भाता है।।
पेड़-पौधे सब झुलस रहे हैं
जीव-जन्तु सब प्यासे हैं।
हैण्डपम्प और कुआँ सूख गए
नदी तालाब उदासे हैं।।
सूखा के इस साल में गर्मी
रूप भयानक दिखा रही है।
पीने के पानी की चिंता
हमको भारी सता रही है।।
इसीलिए जितना पानी है
उसको मत बेकार बहाना।
अपने लिए बचाकर रखना
औरों की भी प्यास बुझाना।।
     
रचयिता
जमीला खातून, 
प्रधानाध्यापक, 
बेसिक प्राथमिक पाठशाला गढधुरिया गंज,
नगर क्षेत्र मऊरानीपुर, 
जनपद-झाँसी।

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