सुभद्रा कुमारी चौहान
16 अगस्त 1904 को इलाहाबाद में सुभद्रा जी ने जन्म लिया,
88 कविताओं को सरल काव्य भाषा में उन्होंने प्रस्तुत किया।
भग्नावशेष, होली, पापी पेट, मछली रानी हैं उनकी कहानियाँ,
कहानियों में अपनी उन्होंने पारिवारिक परिवेश प्रस्तुत किया।।
झाँसी की रानी किसने रची है यह अनुपम गाथा?
सुभद्रा जी ने अपने विचारों को उतार कर रची है यह रचना।
स्वाधीनता संग्राम में सही है उन्होंने कई बार जेल की यातना,
कवयित्री की रचनाओं में रहती थी राष्ट्रीय चेतना, क्या कहना।।
भारत सरकार ने इनको कई सम्मान से विभूषित किया,
25 पैसे का डाक टिकट जारी कर इनको सम्मानित किया।
भारतीय तट रक्षक सेना भी क्यों रहती भला पीछे,
एक तटरक्षक जहाज को सुभद्रा कुमारी जी के नाम किया।।
कवयित्री का साहित्य में है योगदान बहुत अमूल्य,
रचनाकारों की रचनाओं का ना होवे कोई मूल्य।
लिखकर काव्य कहानियाँ साहित्य में नाम लिखा दिया,
एक हादसे में 1948 में सुभद्रा जी ने अपना जीवन गँवा दिया।।
रचयिता
शालिनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय बनी,
विकास खण्ड-अलीगंज,
जनपद-एटा।
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