आजादी का स्वर्ण महोत्सव
अलग-अलग भाषाएँ बोली,
अलग-अलग है नारा|
आज़ादी का पर्व महोत्सव,
भारत देश हमारा||
भाँति-भाँति के फूल खिले हैं,
गुँथी हुई एक माला|
धरती का आँचल है धानी,
भारत देश हमारा||
हर बालक है रामकृष्ण सा,
क्षत्राणी हर बाला|
देश भक्ति में रहे समर्पित,
भारत देश हमारा||
अगणित प्राणों की आहूति से,
ये स्वराज है प्यारा|
भगतसिंह का सच्चा सपना,
भारत देश हमारा||
रचयिता
रीता गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कलेक्टर पुरवा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।
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