विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस

आज 14 अगस्त को ‘विभाजन 

विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाए

देश विभाजन में जो शहीद हुए

आज फिर वो याद बहुत आए।।


हजारों लाखों लोग नफरत की 

आग में कुछ इस तरह जल गए

जैसे एक पेड़ के पत्ते शाखाओं से

टूट कर चारों ओर बिखर गए।।


अपने ही अपनों के दुश्मन 

ना जाने कब बन गए

इस नफरत की आग में न 

जाने कितने घर जल गए।।


टूट गया आजादी का सपना जो

अमर शहीदों ने देखा था

देखो हमारा प्यारा भारत देश ना चाहते 

हुए भी दो टुकड़ों में बँट गया था।।


आज हम सब मिलकर खुद से एक 

वादा कर एकता अखंडता को बनाएँ

देश में फैल रहे सामाजिक विभाजन 

और कटुता के विष को मिलकर हटाएँ।


रचनाकार

मृदुला वर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,

विकास खण्ड-अमरौधा,

जनपद-कानपुर देहात।

Comments

Total Pageviews