स्वतंत्रता दिवस
तोड़ गुलामी की जंजीर
आजादी जो हमने पायी है,
याद करो उन सब वीरों को
जिन्होंने अपनी जान गँवाई है।
शहीद होकर, अमर हो गए
स्वतंत्र कर देश हमें दे गए,
खुश रहना मेरे देश के लोगों
कह कर विदा, वो लोग हो गए।
देश की सीमा पर जब
वो करते पहरेदारी
हम चैन से सो हैं पाते
ली है सेना ने जिम्मेदारी।
दुश्मन से लोहा लेने
वो खड़े हैं सीना ताने
रखना है देश सुरक्षित
बस वो इतना ही जाने।
आज 75 वर्ष हो गए
आजाद भारत देश को
ना भुले, ना भुला सके कोई
वीरों की शहादत को।
मेरे देश के वीरों की
अदम्य शौर्य गाथा है,
लेने आया जो भी टक्कर
वो दुश्मन सदा पछताया है।
धन्य हो गयी माता जिसने
ऐसे वीर पुत्र को जाया है
दुश्मन से लोहा लेता वो
विजय पताका फहराता है।
जिनके साहस के चर्चे
दुश्मन के खेमे में भी होते हैं
आज उन्हीं की शान में
हम तिरंगा लहरायें,
भारत माता का जयकारा
और गीत देशभक्ति के गायें।
प्रण करें सभी ये मिलकर
वीरों की शहादत हम व्यर्थ ना जाने देंगे,
अपनी भारत माँ पर
हम आँच ना आने देंगे।
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई
सब हैं भाई -भाई
देश की रक्षा के खातिर
सबने ही तो जान गँवाई।
वक्त आएगा तो देखेगा ये जमाना
हम सब एक हैं
हमें आता है देश धर्म निभाना
बनने ना देंगे देश को
हम दुश्मन का निशाना।
लहरा रहा, लहरायेगा
नित यूँ ही तिरंगा
दुनिया में जब तक, सूरज चाँद रहेगा
भारत के वीरों का हमेशा नाम रहेगा।
जय हिंद की सेना जय भारत
रचयिता
दीपा कर्नाटक,
प्रभारी प्रधानाध्यापिका,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय छतौला,
विकास खण्ड-रामगढ़,
जनपद-नैनीताल,
उत्तराखण्ड।
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