तिरंगा प्यारा

लहराया अम्बर में है, आज तिरंगा प्यारा।

दुल्हन  सा सजा हुआ है, हिंदुस्तान हमारा।


बच्चा-बच्चा लगा रहा है, यही एक बस नारा।

इस दुनिया में सबसे प्यारा, हिंदुस्तान हमारा।


माटी है इसकी पावन, पावन गंगा की धारा।

मुकुट हिमालय लगा  है, प्रहरी और रखवाला।


नमन तुम्हें, हम शीश झुकाएँ, शान तिरंगा प्यारा।

इस पर लाल लुटा देती, माँ हिम्मत की है आला।


ये अपना है वतन मुझे, प्राणों से  भी है प्यारा।

एक जन्म क्या जाऊँ, मैं सौ जन्मों भी वारा।


कफन तिरंगा मेरा हो, मैं भारत का राज दुलारा।

भारत मेरा रहे सलामत, जब तक चाँद सितारा।


रचनाकार

दीपमाला शाक्य दीप,
शिक्षामित्र,
प्राथमिक विद्यालय कल्यानपुर,
विकास खण्ड-छिबरामऊ,
जनपद-कन्नौज।


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