आजादी की कहानी सुनो जुबानी
सुनो भारत के देशवासियों आज,
बलिदानों की कहानी है तुम्हें सुनानी।
बहा दिया गया रक्ते दरिया,
आजादी की कहानी सुनो जुबानी।।
धन्य है वह हिंद की माताएँ जिन्होंने,
आँचल के लालों का बलिदान किया।
नमन है उन वीरांगनाओं को जिन्होंने,
चूड़ी सिंदूर का भी त्याग किया।।
देखो स्वतंत्रता की खातिर वीरों ने,
बौछार कोणों की तन पर खाई।
गए लटक फाँसी पर क्रांतिकारी,
सिर्फ वंदे मातरम की ध्वनि आई।।
क्या कहूँ उन बूढ़ी आँखों से,
इकलौता वंश का बीज भी गया।
थाली राखी की सजी रह गई,
बहनों का रक्षक वीर गया।।
हृदय दहल जाएगा सुनकर,
सिखों के घर परिवारों को।
चीरा गया अति बेरहमी से,
देखो रक्त सनी दीवारों को।।
अच्छा मेरे देश के वासियों,
आजादी की दास्तां सुना दी है
शांति भरा जीवन हमें दिया,
शत-शत उन्हें सलामी है।।
शत-शत उन्हें सलामी है।।
शत-शत उन्हें सलामी है।।
रचयिता
गीता देवी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मल्हौसी,
विकास खण्ड- बिधूना,
जनपद- औरैया।
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