श्री कृष्णा
जय श्री कृष्णा,
नमन करे तुम्हें सारा जहां।
जन्मे मथुरा की जेल में,
पले- बढ़े गोकुलपुरी में।।
जना देवकी-वसुदेव ने,
पाला नन्द-यशोदा ने।
बलराम-सुमद्रा भाई-बहना,
मित्र हैं ग्वाल-बाले व सुदामा।।
यमुना जी का तीर,
बरगद की है छाँव।
बाँस की है वंशी,
धेनु माँ की पीठ।।
मामा थे कंस,
किया उनका विध्वंस।
संदीपन गुरु ने पढ़ाया,
रुकमणी ने अपनामा।।
जय श्री कृष्णा,
नमन करे सारा जहां।।
रचयिता
अंजू गुप्ता,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय खम्हौरा प्रथम,
विकास क्षेत्र-महुआ,
जनपद-बाँदा।
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