राष्ट्रीय खेल दिवस
पहली बार मनाया गया वर्ष 2012 में,
राष्ट्रीय खेल दिवस शामिल किया गया जश्नों की सूची में।
मुख्य उद्देश्य विकसित होए खेल स्पर्धा,
मन, मस्तिष्क शुद्ध बने, पाएँ अनंत ऊर्जा।
ध्यानचंद का जन्म दिवस मनाए,
राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में।
तीन बार स्वर्ण पदक दिलाया,
ओलम्पिक के खेल में।
हॉकी का जादूगर कहलाया देश को विजयी बनाया,
हिटलर का प्रलोभन त्याग कर नया इतिहास रचाया।
कुछ कम नहीं बेटों से बेटियाँ, यह विश्वास दिलाना है,
मिले अवसर बेटियों को तो चाँद पर बिगुल बजाना है।
जिम्मेदारियों का भार पड़ा जब कांधों पर,
चूल्हे से चार पहिया चलाने लगी बेटियाँ।
चानू, सिंधु सी बनके,
जग में ऊँचा नाम कमाने लगी बेटियाँ।
खेल दिवस की इस बेला पर बेटियों के हुनर तराशें,
खुलकर खेलें, जी भर खेले, बुलंदियों को नित- नित छू लें।
रचयिता
भारती मांगलिक,
सहायक अध्यापक,
कम्पोजिट विद्यालय औरंगाबाद,
विकास खण्ड-लखावटी,
जनपद-बुलंदशहर।
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