कृष्ण कन्हाई
जन्मे मथुरा में कृष्ण कन्हाई रे,
देखो गोकुल में बजी है बधाई रे।
मात देवकी ने लालन जाए,
वासुदेव जी बड़े हर्षाए।
देवों ने खुशियाँ मनाईं रे,
देखो गोकुल में बजी है बधाई रे।
जन्मे मथुरा में...........
मामा कंस था अत्याचारी,
मति दुष्ट की गई थी मारी।
मानवता थी बड़ी घबराई रे,
देखो गोकुल में बजी है बधाई रे।
जन्मे मथुरा में...........
दुष्ट कंस से बचते बचाते,
वासुदेव जी चले घबराते।
ले गोद में कृष्ण कन्हाई रे,
देखो गोकुल में बजी है बधाई रे।
जन्मे मथुरा में...........
रात थी आधी काली-काली,
चमके बिजली हो मतवाली।
और यमुना ने राह बनाई रे,
देखो गोकुल में बजी है बधाई रे।
जन्मे मथुरा में...........
गोपाला फिर गोकुल में आए,
जग को अपनी माया दिखाए।
झूमें अँगना में यशोदा माई रे,
देखो गोकुल में बजी है बधाई रे।
जन्मे मथुरा में...........
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
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