रक्षाबंधन

छोटा सा शब्द  रक्षा,

कितना दयालु, कितना हृदयस्पर्शी,

रिश्तों में बन्धन जोड़े वो,

कहलाये  रक्षाबंधन। 


हर रिश्ते  में  हो,

भाव रक्षा  का,

झलके प्यार  रिश्तों में,

कहलाये रक्षा बंधन। 


देश की रक्षा के खातिर,

मिट गए हजारों साथी,

पूर्ण हुआ भाव रक्षा का,

कहलाये रक्षा बंधन। 


रक्षा की खातिर ही,

लिये अवतार ईश्वर ने,

पूर्ण किया भाव रक्षा का,

कहलाये रक्षा बंधन। 


हे प्रभु देना ऐसा भाव,

हर रिश्ते में हो भाव रक्षा का,

सलामत रहे रिश्तों की डोर,

कहलाये रक्षा बंधन। 


न डिगे प्यार कभी,

रिश्तों में हो प्यार ही प्यार,

प्यार ही प्यार,

बना रहेगा ये संसार।।


रचयिता
अर्चना गुप्ता,
प्रभारी अध्यापिका, 
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिजौरा,
विकास खण्ड-बंगरा,
जिला-झाँसी।

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