भिंडी रानी
भिंडी रानी की आई बारात रे,
देखो खुशियों की हुई बरसात रे।
आलू बने हैं दूल्हे राजा,
बैंगन बजाए देखो बैंड बाजा।
गोभी, परवल भी आए साथ रे,
देखो खुशियों की हुई बरसात रे।
भिंडी रानी की आई.........
लौकी, तोरई ढोलक बजावें,
बन्ना बन्नी के मंगल गावें।
गाजर, मूली रही है नाच रे,
देखो खुशियों की हुई बरसात रे।
भिंडी रानी की आई.........
कद्दू राजा बने हलवाई,
तरह-तरह की बनाई मिठाई।
पूड़ी सब्जी की है क्या बात रे,
देखो खुशियों की हुई बरसात रे।
भिंडी रानी की आई.........
आलू राजा ने जयमाला पहनाई,
भिंडी रानी बड़ी शरमाई।
लिए फेरे फिर दोनों ने साथ रे,
देखो खुशियों की हुई बरसात रे।
भिंडी रानी की आई.........
पालक, मिर्ची, करेला रोवें,
करके विदाई टिंडा भी रोवे।
लेके दुल्हन चली बारात रे,
देखो खुशियों की हुई बरसात रे।
भिंडी रानी की आई.........
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
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