नील आर्मस्ट्रांग
चाँद पर जब कदम रखा मन हर्षातिरेक था,
नील एल्डन आर्मस्ट्रांग उत्साह से लबरेज था।
5 अगस्त 1930 को ओहियो में आँखें खोलीं,
नौसेना अधिकारी, परीक्षण, पायलट बेजोड़ था।।
चंद्रमा पर कदम रखने वाला प्रथम व्यक्ति,
उड़ान भरने में प्रारंभिक जीवन से थी आसक्ति।
खगोल यात्री बनने से पूर्व नौसेना में रहे,
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से परास्नातक की ली उपाधि।।
अपोलो इलेवन अभियान के आर्म स्ट्रांग थे कमांडर,
बज एल्ड्रिन, माइकल कॉलिस यान में लगाए थे चक्कर।
राष्ट्रपति निक्सन के हाथों सम्मानित हुए,
"कांग्रेसनल स्पेस मेडल ऑफ ऑनर" दिए जिमी कार्टर।।
एयरोस्पेस इंजीनियर, प्रोफेसर और थे खगोल यात्री,
900 से अधिक उड़ानें भरी थी यह खगोल यात्री।
2009 में "कांग्रेसनल गोल्ड मेडल" था पाया,
लूनर मॉडल की भी उड़ान भरे थे यह खगोल यात्री।।
हृदय रोग के चलते 6 अगस्त 2012 को बाईपास सर्जरी हुई,
शनै-शनै आर्मस्ट्रांग की हालत में सुधार हुई।
अचानक जटिलताओं ने पुन: आकर दिखाया रंग,
25 अगस्त 2012 को ओहियो में इहलीला समाप्त हुई।।
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