जादू खेल का
खेलो और कूदो बनो महान,
खूब बढ़ाओ देश का मान।
करके अपने सपने साकार,
खूब कमाओ जग में नाम।
जब ध्यानचंद ने ध्यान लगाया,
खेलों का महत्व जग को बताया।
हॉकी का खेल था इनको भाया,
हॉकी स्टिक का जादू चलाया।
मैदान में दागे गोल हजार,
विपक्षी को देते सदा ही हार।
थे बड़े अनोखे और निराले,
मेजर ध्यानचंद तेरे चमत्कार।
हॉकी के जादूगर तुझे नमन,
जग श्रद्धा सुमन करे अर्पण।
देना आशीष हमें बस इतना,
हम करें सदा तेरा अनुसरण।
रण में दहाड़ोसिंह सी दहाड़,
कर दो पदकों की बौछार।
विश्व पटल पर करो मिलकर,
भारत माता की जय जयकार।
खेल कूद है कसरत न्यारी,
तन मन है स्वस्थ बनाता।
जग में कुछ कर दिखाने का,
नित अवसर हमें दे जाता।
बेटों संग बेटियों को भी,
उड़ने दो अम्बर में पंख पसार।
खेल कूद से कभी ना रोको,
करने दो मन मर्जी उनको यार।
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
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