तीज का त्योहार

तीज का त्योहार, लाए खुशियों की फुहार,

अम्मा ने गाया गीत मेरे लिए बारंबार।

बेटी ने की मधुर पुकार,

सुन लो मेरी भी एक बार।

विद्या, ज्ञान अर्जित कर, बेटी ना मानेगी हार।

पढ़ लिख कर काबिल बनना है,

आत्मरक्षा का गुर भी सीखना है।

मंदिर मस्जिद जाने से पहले,

विद्यालय मुझको जाना है।

झाड़ू पोंछा छोड़कर मुझको,

एक कलम  पकड़ना है।

नए रास्ते ढूँढकर मुझको,

बुलंदियों को छूना है।

‌हरियाली तीज की छटा का अर्थ

मुझको यूँ ही समझना है।


रचयिता

भारती मांगलिक,

सहायक अध्यापक,

कम्पोजिट विद्यालय औरंगाबाद,

विकास खण्ड-लखावटी,

जनपद-बुलंदशहर।

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