विश्व तम्बाकू निषेध दिवस
मरते हैं लोग खा खा तम्बाकू|
खाके तम्बाकू, बनते लड़ाकू||
सिगरेट का धुआँ, सुर्ती का गर्दा|
खाते हैं मिलाके पान में जर्दा||
कोई भी घर पर जब होता है फंक्शन|
तम्बाकू, सिगरेट, शराब का होता है फैशन||
बाप के साथ बेटा, चाचा संग भतीजा|
बैठकर एक संग लेते नशे का मजा||
जब भी होती है किसी की कैंसर से मृत्यु|
सभी लोग बैठकर कारण बताते|
कोई कहता सुर्ती, कोई कहता गुटखा|
ए कहते-कहते गुटखा चबाते||
रचयिता
कमलेश प्रसाद वर्मा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय रिकेबीपुर,
विकास खण्ड-रामपुर,
जनपद-जौनपुर।
👍👍
ReplyDelete