अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस
चाय सिर्फ चाय ही नहीं है
सुबह उठते ही
एक गर्म चाय
बढ़ा देती है
रिश्तों की गर्माहट
चाय सिर्फ चाय ही नहीं है
घर आए मेहमान
का सत्कार है
फुर्सत के लम्हों का
सच्चा यार है
चाय सिर्फ चाय ही नहीं है
देर रात के गप्पों
की साथी है
दोस्तों की महफिलों में
किस्से बढ़ाती है
चाय सिर्फ चाय ही नहीं है
गर्म चाय की प्याली से
मिलता बुजुर्गों का आशीर्वाद
उनकी आँखों में
विश्वास की चमक है
चाय सिर्फ चाय ही नहीं है
कभी काढ़ा बनकर
बीमारी में साथ निभाती
कभी बर्फ संग मिलकर
आइस टी बन जाती
चाय सिर्फ चाय ही नहीं है
चाय को कभी
चखा नहीं है मैंने
पर चाय के दीवानों को देखकर
मुझमें ललक है जगाती
चाय सिर्फ चाय ही नहीं है
रचयिता
भारती खत्री,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय फतेहपुर मकरंदपुर,
विकास खण्ड-सिकंदराबाद,
जनपद-बुलंदशहर।
Shandar kavita
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