अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस

आओ बच्चों एक बात बताएँ,

अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस समझाएँ,

12 मई 1974 को उसकी शुरुआत हुई,

1965 में भी इसे प्रथम बार मनाए।


फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म इस तिथि को,

माना आधुनिक नर्सिंग का संस्थापक उनको,

नर्सिग सेवा की जिन्होंने शुरुआत की,

माना गया नर्सों की सराहनीय सेवा को।


मानवता की सेवा में अर्पित है जिनका जीवन,

रोगियों की सुश्रुषा में न्योछावर है तन मन,

एक आम इंसान का दिल वह भी है रखती,

अनदेखा ना करें हम उनका ये समर्पण।


निशदिन लगी रहे घायलों की सेवा में,

भूख प्यास त्यागी है अपनी कर्तव्यनिष्ठा में,

पिछले वर्ष की थीम "विश्व स्वास्थ्य के लिए नर्सिंग",

प्रोत्साहित हो जनता, सम्मान हो उनकी नजरों में।


मानसिक, शारीरिक, सामाजिक स्तर पर हैं प्रशिक्षित,

मनोबल बढ़ाती हैं, स्नेहशील रहें और मित्रवत,

परिवार एवं कल्याण मंत्रालय ने किया एक विचार,

"फ्लोरेंस नाइटिंगेल" नामक प्रतिवर्ष राष्ट्रपति देते हैं पुरस्कार।


रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।

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