राजा जी फिर से आओ
राजा राममोहन राय थे,
एक सच्चे देशभक्त|
सच्चाई और पवित्र भावना,
उनमें होती रहती थी प्रवाहित|
पश्चिम बंगाल के राधानगर गाँव में
हुआ था उनका जन्म,
22 मई 1772 में राम और मोहन का हुआ था पुन:आगमन|
बहुआयामी व्यक्तित्व था,
इसीलिए राजा उपाधि से संयुक्त था|
कुप्रथाओं को तार-तार किया था,
भारत पुनर्जागरण प्रभात हुआ था|
कई भाषाओं के जानकार थे,
धर्मयुक्त कार्य व्यवहार थे|
अंधविश्वासों से जमकर टक्कर लेते थे,
धैर्य से सभी आलोचनाओं को सहते थे|
सती प्रथा, बाल विवाह, जाति प्रथा,
महामारियों को दूर करने पर अड़े थे|
राजा राममोहन राय सच्चे देशभक्त थे,
राजा राममोहन राय महान शिक्षाविद थे|
राजा राममोहन राय महान समाज सुधारक थे||
राजाजी तुम फिर से आओ,
इस जग को पुनः सिखाओ|
धरा अंबर चाँद सितारे,
सब आपको बार-बार पुकारें|
"मिशन शिक्षण संवाद" को नमन है,
यहाँ आज हम आपको पुकारें|
यहाँ आज हम आपको पुकारें||
रचयिता
प्रतिभा भारद्वाज,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यामिक विद्यालय वीरपुर छबीलगढ़ी,
विकास खण्ड-जवां,
जनपद-अलीगढ़।
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