ईद मुबारक़

आओ माँगें दुआ,

हम अमन चैन की,

आई आई रे देखो,

ऋतु ईद की।


हो गई कुबूल दुआ,

सबको चाँद दिखा।

हम नादानों पर,

करे करम खुदा।


वस्त्र नूतन पहन,

हम सब इतरावें।

मिलजुल कर हम,

खुशियाँ मनावें।


हाथों में प्यारी सी,

मेहंदी रचावें।

सजधज बालाएँ,

घर में इतरावें।


नफ़रतें दिल की,

हम सब मिटावें।

सबको प्यार से,

गले लगावें।


मीठी मीठी सी,

सेवइयाँ बनावें।

खुद खावें हम,

औरों को खिलावें।


करुणा दया और,

भाईचारा दिखावें।

मानवता का हम,

धर्म निभावें।


हम पर रहमत,

ख़ुदा बरसावे।

महामारी को,

अब मार भगावे।


ओ परवरदिगार,

अब दे दे सहारा।

अल्लाह तू आकर,

बचा जीवन हमारा।


रचनाकार

सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।




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