अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस

प्राचीन इतिहास का यूँ आकर्षित करना,

देकर उनको सहसा कौतूहल उपजना,

जहाँ हमें सारी प्राचीन वस्तुएँ एक साथ मिलें,

वही प्यारे बंधु संग्रहालय तुम समझना।


किसी शहर को जानना है जड़ों को उसकी जानो,

समयाभाव में हर वस्तु का अध्ययन मुश्किल मानो,

संग्रहालय में सारी सूचनाओं की प्राप्ति संभव,

वहीं से अपनी जिज्ञासा को शांत संभव मानो।


प्रतिवर्ष 18 मई को मनाने का दिन माना,

सर्वप्रथम इंटरनेशनल काउंसिल आफ म्यूजियम में ये जाना,

1977 से इसे मनाने की शुरुआत हुई,

पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र इसे माना।


"संग्रहालय का भविष्य" थीम रही इस वर्ष की,

सभी देशों ने प्रतिज्ञा ली इसे सुरक्षित रखने की,

लोगों का रुझान बढ़े ऐसा हमारा उद्देश्य,

गूगल पर सब मिलता है कमी है देखने भर की।


1814 में पहला संग्रहालय हुआ स्थापित,

एशियाटिक सोसाइटी ऑफ़ बंगाल द्वारा स्थापित,

एशिया प्रशांत क्षेत्र का बहु प्रयोजन संग्रहालय माना,

विश्व में इसकी महत्ता हुई फिर ज्ञापित।


रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,

जनपद-बाँदा।


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