विनायक दामोदर सावरकर
एक राष्ट्रवादी नेता नाम था वीर सावरकर,
स्वातंत्र्यवीर नाम से प्रसिद्ध वीर सावरकर,
हिंदू राष्ट्र धारा को विकसित करने का श्रेय,
वकील, कवि, लेखक, नाटककार थे सावरकर।
28 मई 1883 को अवतरित हुआ यह वीर,
हिंदू पहचान बनाने को हिंदुत्व शब्द गढ़े वीर,
एक कट्टर तर्क बुद्धिवादी व्यक्ति थे सावरकर,
धर्मों के रूढ़िवादी विश्वासों का विरोध किए वीर।
1931 में मुंबई में "पतित पावन" मंदिर स्थापित,
25 फरवरी 1931 अस्पृश्यता उन्मूलन सम्मेलन में उपस्थित,
15 अप्रैल 1938 मराठी साहित्य सम्मेलन के बने अध्यक्ष,
गांधीजी से अलग दृष्टिकोण किया था स्थापित।
10,000 से अधिक पन्ने मराठी में इन्होंने लिखे,
1500 से अधिक पन्ने अंग्रेजी में भी लिखे,
"द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस" से ब्रिटिशर्स को हिलाया,
40 पुस्तकें बाजार में उपलब्ध जिसमें वीर लिखे।
सदस्य नहीं थे "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ" के ये वीर,
सम्मान बहुत अर्जित किए थे संघ में यह वीर,
राजनीति में अद्भुत चरित्र थे सावरकर,
26 फरवरी 1966 में चिर निद्रा में सो गया यह वीर।
रचयिता
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