क्रान्ति दिवस
तुम्हें शत् -शत् नमन हैं करते,
बलिदानी वीर सिपाही,
ना भूलेंगे शहादत तुम्हारी,
ये कसम है हमने खाई|
तुमने सबसे नाता तोडा,
सिर्फ देश से नाता जोडा,
नस-नस में राष्ट्र भक्ति लेकर,
चल दिए करने को सेवा,
ना पीछे मुड़ कर देखा -2
जवानी भी अपनी गँवाई
ना भूलेंगे शहादत तुम्हारी,
ये कसम है हमने खाई|
तुम्हें शत् -शत् नमन्.......
वीर गति को पाकर ,
तुमने लिख दी अमर कहानी,
तुम ही हो सच्चे नायक,
ये हम सबकी है वाणी,
भारत माता के सपूतों- 2
हमें याद तुम्हारी आई
ना भूलेंगे शहादत तुम्हारी,
ये कसम है हमने खाई,
तुम्हें शत् -शत् नमन् हैं करते,
बलिदानी वीर सिपाही,
ना भूलेंगे शहादत तुम्हारी,
ये कसम है हमने खाई|
रचयिता
माला सिंह,
विज्ञान शिक्षिका,
कम्पोजिट विद्यालय भरौटा,
विकास क्षेत्र-सरधना,
जनपद-मेरठ।
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