मदर्स डे
महकी महकी इस बगिया की
चमक चाँदनी हो माई
आज स्वर्ग से उतर धरा पर
मेरे जीवन में आई
कोख से तेरी जन्म लिया जब
कितने कष्ट सहे तुमने
भूखे पेट कभी न सोये
कितने जतन किये तुमने
सुख दुःख में जीना सिखलाया
संस्कार का ज्ञान दिया
चुन-चुन काँटे राह बनाई
उड़ने को आसमान दिया
हर पल हिम्मत के पुल बाँधे
पापा के संग डटी रहीं
भूखा कोई जाए न घर से
अन्नपूर्णा बनी रहीं
सौ सौ साल जियो मेरी माई
हर सुख देखो आँखों से
पल प्रतिपल उजास भर दो
ममतामयी हाथों से
रचयिता
रीता गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कलेक्टर पुरवा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।
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