ईद मुबारक़

माँगें हम दुआ ये सारे

अमन चैन की रहमत बरसे

मिल के गले, खिले दिल हमारे

ईद मुबारक ईद मुबारक।


चाँद का फिर दीदार हुआ है

खुशियाँ मनाएँ मिल जुल सारे

मीठी सेवइयों में घुल जाएँ ऐसे

आपस के बैर सब हमारे।


दिलों की दूरियाँ मन से मिटाओ

नफरत की दीवार गिराओ

नूर ख़ुदा का बरसे सब पर

दुआ की अर्जी रब से लगाओ।


मुश्किल दौर है, राह कठिन है

आया है, अजीब सा ये मंजर

सूनी है गलियाँ, सूनी मस्ज़िद

सूने सब चौबारे पड़े हैं।


कर दे रहम, रब दुआ है तुझसे

खुशियों की सौगात तू दे दे

रौनक हो रंगीन सहर हो

हँसी की ईदी से झोलियाँ भर दे।


मज़हब की दीवार रहे ना

क़हर नहीं, रहमत बरसा दे

कर दे करम, परवर दिगार तू

ईद मुबारक़ ईद मुबारक़।।


रचयिता

मंजरी सिंह,

प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उमरी गनेशपुर,
विकास खण्ड-रामपुर मथुरा,
जनपद-सीतापुर।




Comments

Total Pageviews