विश्व तम्बाकू निषेध दिवस

विश्व स्वास्थ्य  संगठन प्रतिवर्ष,

तम्बाकू निषेध दिवस मनाता है।


31 मई को सारे जहाँ से प्रतिवर्ष,

नशा  मुक्ति  की गुहार लगाता है|


      WHO की सुनलो पुकार,

      समझा रहा वो बार - बार|


खुशहाल जिन्दगी  की है जो चाहत,

तो फिर तम्बाकू मुक्त बनाओ भारत।


 लाखों  बेमौत  जहां में  मरते हैं,

दिन -रात  नशा  जो  करते  हैं।


है नशा शरीर का पक्का दुश्मन,

 दिलो दिमाग कर देता ये सुन्न।


पैसा, समय सब करता बर्बाद,

घर  रहने  देता  नहीं  आबाद|


स्मोकिंग, हुक्का, पान मसाला,

इन्होंने जीवन तबाह कर डाला।


यूँ जीवन को  मत करो तबाह,

दुख ही मिलेंगे असीम अथाह।


मुख, नासिका, फेफड़े, लीवर,

सबका  हो  जाएगा   कैंसर।


तम्बाकू में धीमा जहर भरा है,

 ये इन्सां  समझ  ना पाता है।


किडनी, लीवर सब फेल हो गये,

तिल - तिल  मरता  जाता  है|


जब  डोर  टूटती है जीवन की,

तब  रोता  और  पछताता  है।


भीख  माँगता  है  जीवन की,

तड़प - तड़प मर  जाता  है। 


सिसकते, रोते, बिलखते  बच्चे,

बेसहारा  छोड़  चला जाता है|


गर परिवार से करते हो प्यार,

तम्बाकू खाने से करो इन्कार|


स्मोकिंग के कभी पास न जाना,

फेफड़े, लीवर  स्वस्थ  बनाना।


बच्चों  के  संग  खेलो  खाओ,

खुशियाँ जीवन  में  फैलाओ॥


रचयिता

नीलम कौर,
सहायक अध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय शाहबाजपुर,
विकास खण्ड-सिकन्दराबाद,
जनपद-बुलंदशहर।


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