अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस

12 मई 1974 से थी हुई,

इस दिन‌ की शुरुआत,

मरीजों की सेवा में समर्पित

रहती हैं दिन रात।


हर देश में यह दिन धूमधाम,

से जाता है मनाया,

पुरस्कार देकर नर्सों का,

उत्साह जाता है बढ़ाया।


फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिन,

का किया था चुनाव,

नर्सों की सेवा से ही होता है,

स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव। 


दो वर्षों से देश झेल रहा है आपदा,

नर्सों के साथ से कम हो रही है विपदा।

भविष्य के स्वास्थ्य के लिए हर दृष्टि,

नर्सें ही बनाती हैं अस्पताल की सृष्टि।


महामारी से हम सभी डरे हुए हैं,

स्वास्थ्य विभाग के सभी सदस्य,

अपने प्रयासों में लगे हुए हैं।


मानव सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं,

सिस्टर्स के लिए इससे बढ़कर कोई कर्म नहीं।


रचयिता

डॉ0 प्रीति चौधरी,

सहायक अध्यापक,

उच्च प्राथमिक विद्यालय सुनपेड़ा,

विकास खण्ड-सिकंदराबाद,

जनपद-बुलंदशहर।



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