राजा राममोहन राय
भारतीय पुनर्जागरण के थे वह एक प्रणेता,
संस्कार, परंपरा और राष्ट्र गौरव के रचयिता।
उनकी दूरदर्शिता और वैचारिकता थी निराली,
रूढ़िवादी कुरीतियों को देश से उन्होंने निकाली।
ब्रह्म समाज के थे वह संस्थापक,
भारतीय भाषाई प्रेस के प्रवर्तक।
स्वतंत्रता-समानता के थे वह एक पुजारी,
समाज निर्माण को किया आवाह्न जारी।
बाल विवाह, सती प्रथा का विरोध किया,
'कौमुदी संवाद' से जन-जन में जोर किया।
22 मई 1772 को राजा राममोहन राय थे जन्मे,
पिता उनके रमाकांत, माता तारिणी जी के घर में।
संस्कृत, बंगाली, फ़ारसी का था उनको ज्ञान,
'ईस्ट इंडिया कंपनी' में भी कुछ दिन किया काम।
स्वतंत्रता और कुरीतियों की, दोहरी लड़ाई लड़ी,
सामाजिक बुराइयों के, उन्मूलन की नींव रखी।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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