नर्स

नर्स का चेहरा 

सामने आते ही

एक तस्वीर बनती है। 

सेवाभाव की 

उम्मीद जगती है। 

क्या हर औरत में

है नर्स का अंश?

वह माँ बन कर

बच्चों को समय पर 

दूध खाना देती है। 

घर में अगर 

कोई बीमार पड़े तो

वक्त पर दवा देती है।

उसके सारे 

दुख दर्द हर लेती है। 

घावों पर 

मरहम लगाती है। 

घर के बड़ों की 

सेवा सुश्रुषा करती है। 

अपने सेवा धर्म का 

पालन करती है।

घर के हर सदस्य 

की जरूरत का 

ख्याल रखती है।

यह सब काम 

निस्वार्थ भाव 

से करती है। 

ना उम्मीद 

होने पर 

उम्मीद की किरण 

बनती है।

हाँ 

हर औरत 

नर्स होती है। 

पन्ना धाय 

फ्लोरेंस नाइटिंगेल

मदर टेरेसा 

ने अपना सब कुछ 

अर्पण कर 

दूसरों की सेवा में

अपना जीवन बिताया। 

नर्स के गौरव 

को बढ़ाया।


रचयिता
सुषमा मलिक,
सहायक अध्यापक,

कंपोजिट स्कूल सिखेड़ा,

विकास खण्ड-सिंभावली, 
जनपद-हापुड़।



Comments

Total Pageviews