अंतरराष्ट्रीय संचार दिवस
घर के अन्दर बैठे- बैठे,
दूर- दूर तक झट बात हो जाती।
पलक झपकते सन्देश आ जाएँ,
विदेशों की भी खबर मिल जाती।।
पढ़ाई में कोई मुश्किल आए,
झट पट उसका हल मिल जाए।
खेल खेलो या कोई पिक्चर देखो,
कोई चित्र हो अगर बनाना,
सब कुछ एक जगह मिल जाए।।
जब कोई विभाग की नौकरी आए,
घर बैठे फॉर्म भर जाएँ।
जब खाना हो बाहर का खाना,
एक आर्डर में घर हर चीज़ आ जाए।।
दूर संचार के माध्यम से ही,
सारे काम हुए आसान।
घर पर बैठे- बैठे भी हम,
कर सकते हैं दुकान।।
17 मई को मिलकर हम सब,
विश्व संचार दिवस मनाएँ।
कैसे और क्या हुए परिवर्तन,
यह हम सबको बताएँ।
रचयिता
शहनाज बानो,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय भौंरी -1,
विकास क्षेत्र-मानिकपुर,
जनपद-चित्रकूट।
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