महारानी अहिल्याबाई होल्कर
आओ बच्चों बात बताएँ अहिल्याबाई होल्कर की,
कुशल प्रशासक मालवा महारानी इंदौर की।
31 मई 1725 को अवतरित अहमदनगर महाराष्ट्र,
न्याय, धर्म और समर्पण को रखेगा याद राष्ट्र।
पिता मांकोजी शिंदे ने एक कोहिनूर पाया था,
12 वर्ष की आयु में खंडेराव होल्कर से विवाह रचाया था।
29 वर्ष में विधवा हुईं धैर्य कभी ना त्यागा था,
11 दिसंबर 1767 को राज्य अभिषेक स्वीकारा था।
मंदिर बनवाई मार्ग सुधराए, की विद्वानों की नियुक्ति,
शासन चलाने की उनकी श्रेष्ठ रही हर युक्ति।
घराना इनका होल्कर और राजवंश मराठा पाया,
भारतीय इतिहास की योद्धा रानियों में नाम कमाया।
पुत्रहीन स्त्री को संपत्ति का अधिकार है दिलाया,
संपत्ति के अधिकार के नियम में संशोधन कराया।
अनाथालय का निर्माण कर गरीबों का उत्थान कराया,
महेश्वर में कई मुस्लिम परिवारों को बसाया।
चिर निद्रा में हुईं लीन 13 अगस्त 1795 को,
आश्रय दिया था इन्होंने मोरोपंत एवं खुशाली को।
स्त्रियों की शिक्षा के लिए प्रेरणा बनीं अहिल्याबाई,
भारतीय संस्कृति की मूर्तिमान प्रतीक कहलाईं।
रचयिता
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