४००~ नीलम देवी प्रधान अध्यापिका प्रा०वि० निवाडा, बागपत

🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- बागपत से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन नीलम देवी जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है। जिससे आज सरकारी विद्यालय में बच्चों का नामांकन एवं ठहराव जैसी अनेकों समस्याओं में से एक समस्या का समाधान कर दिखाया। जो हम सभी के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय है।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:

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👉1- शिक्षक परिचय:
नीलम देवी प्रधान अध्यापिका
प्रा०वि० निवाडा, बागपत

👉2- विद्यालय की समस्याएँ:-

मेरी पदोन्नति प्रा०वि० निवाडा विकासखंड- बागपत, जनपद- बागपत में 18-10-2016 में हुई तब मेरे विद्यालय में भौतिक एवं शैक्षिक परिवेश संबंधित समस्याएँ थी। विद्यालय के आँगन में जलभराव की समस्या रहती थी। विद्यालय में पीछे की चारदीवारी नहीं थी। बच्चे विद्यालय से भाग जाते थे। कोई भी विद्यालय में आकर तोड़-फोड़ करके चला जाता था। विद्यालय में फर्नीचर की अनुपलबधता, पेयजल की समस्या, विद्युत संचालन व पंखों की व्यवस्था नहीं थी। विद्यालय में बच्चे बहुत ही गंदे आते थे। सप्ताह में एक दो बार नहाने जैसी आदतें थी। ग्रामीणों का विद्यालय के बजाए मदरसे में ज्यादा रुझान था। विद्यालय के प्रति नकारात्मक छवि थी। इस सभी के लिए हमने निम्न प्रेरक लाइनों से प्रेरित होकर अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ना शुरू किया।
"लहरों के डर से नौका पार
नहीं होती।
कोशिश करने वालों की कभी
हार नहीं होती।"




👉3- विद्यालय की समस्याओं के समाधान के प्रयास:

🥀1. मैंने अपने कर्तव्य का लक्ष्य निर्धारित करते हुए सभी समस्याओं पर भलीभाँति कार्य करना प्रारंभ किया। प्रथम प्रयास में बच्चों की स्वच्छता व शारीरिक साफ-सफाई पर ज़ोर दिया।
🥀2. दूसरा प्रयास भौतिक परिवेश को व्यवस्थित एवं आकर्षित बनाना।
🥀3. बच्चों का नामांकन व ठहराव मदरसे की बजाय विद्यालय में बढ़ाना।
🥀4. बच्चों का शैक्षिक स्तर बढ़ाना एवं उनका सर्वांगीण विकास के सतत प्रयास करना।
🥀5. सर्व प्रथम विद्यालय के पीछे की दीवार ग्राम-प्रधान के सहयोग से बनवाना।
🥀6. विद्यालय के आँगन में जल भराव हो जाता था। मुझे बाल्टियों से पानी निकालना पड़ता था। ग्राम प्रधान के सहयोग से मिट्टी से भराव करवाकर खडंजा लगवाया। अब जलभराव की समस्या खत्म हो गई।
🥀7. विद्यालय की कक्षा- 1, 2 व
3 के कमरों की खिड़की - दरवाजे जर्जर थे।
🥀8. विद्यालय की रंगाई-पुताई व T.L.M. आदि दीवारों पर बनवाये।
🥀9. विद्यालय के प्रत्येक कमरों में दो-दो पंखे स्वयं के प्रयास से लगवाये।
🥀10. पेयजल की समस्या हेतु ग्राम-प्रधान के सहयोग से समरसिबल लगवाया व पाँच टंकिया छत पर लगवायी।
🥀11. विद्यालय में पौधें लगवाए, जबकि विद्यालय में अब तक भी पेड़ नहीं थी।
🥀12. विद्यालय में फिटिंग करवाई तथा आधुनिक स्विच बोर्ड व मेन लाइन को कट करने के लिए MCB आदि बोर्ड लगवाए।
🥀13. विद्यालय में स्टाफ के लिए पर्याप्त फर्नीचर की व्यवस्था की।
🥀14. इस प्रकार विद्यालय का भौतिक परिवेश सुंदर, आकर्षित एवं व्यवस्थित करने का उद्देश्य पूर्ण हुआ।
⚘नामांकन स्थिति⚘
सत्र: 2016-2017 - 323
सत्र: 2017-2018 - 340
सत्र: 2018-2019 - 484
सत्र: 2019-2020 - 570 (20 जुलाई-2019 तक)
🥀15. विद्यालय में नामांकन हेतु वि०प्र०स० के सदस्यों के सहयोग से अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें शिक्षा का महत्व एवं विद्यालय में बच्चों के नामांकन हेतु जागरूक किया। अभिभावकों का दृष्टिकोण सकारात्मक बनाया जिससे प्राइवेट स्कूल के बच्चे भी मेरे विद्यालय में नामांकन कराने लगे।
🥀16. विद्यालय में बच्चों के नामांकन वृद्धि के साथ-साथ उनकी शत-प्रतिशत उपस्थिति एवं ठहराव के लिए विद्यालय में भयमुक्त वातावरण व शिक्षण रूचिपूण व खेल-खेल में शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया।



🥀17. विद्यालय में बच्चों को TLM की सहायता से एवं शिक्षण विधियों द्वारा व समय सारणी द्वारा पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षण कार्य कराया जाता है। जिसके फलस्वरूप विद्यालय की कक्षा-1 की छात्रा जैनव जिले में द्वितीय स्थान पर व कक्षा- 4 की छात्रा रूकसार द्वितीय स्थान पर आयी थी।
🥀18. विद्यालय में समय-समय पर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। खेल-कूद में जिले स्तर पर मेरे विद्यालय के बच्चे एथलीट में 7 मेडल प्राप्त किये थे।
🥀19. सप्ताह में शनिवार के दिन बच्चों को आर्ट का काम भी सिखाया जाता है।
🥀20. बच्चों को खेल का सामान उपलब्ध करवाया। जिससे बच्चों को खेलने का भी अवसर दिया जाता है।
🥀21. बच्चों को पढ़ने के लिए पुस्तकालय की पुस्तक उपलब्ध करवाई तथा बच्चों को पढ़ने को दिया जाता है।
🥀22. विद्यालय में प्रार्थना सभा में पी.टी. तथा सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तर याद कराना। दैनिक कार्य में कराया जाता है। प्रार्थना सभा में जल संरक्षण, पौधों को अधिक से अधिक लगाना व विद्यालय परिसर को गंदा ना करना, कूडा कूडेदान में ही डालना। प्रतिदिन नहाकर व साफ कपड़े पहनकर आने के लिए प्रेरित किया जिसके परिणाम स्वरूप आज बच्चे बिलकुल साफ-सुथरे आने लगे। तथा उपरोक्त सभी बातों पर ध्यान देने लगे। अनुशासन व सलीका सीख गये।
🥀23. दिनांक 05-09-2017 में जिला स्तर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री योगराज सिंह, माननीय जिलाधिकारी भवानी सिंह, खंगारौत मुख्य विकास अधिकारी चाँदनी सिंह द्वारा श्रेष्ठ कार्य के लिए सम्मानित किया।
24. 12-12- 2018 को ब्लॉक स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी श्री वीरेंद्रपाल सिंह एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री राजीव मिश्र जी द्वारा सम्मानित किया गया।
🥀25. 2019 में जिलाधिकारी महोदय व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बागपत श्री राजीव रंजन मिश्र जी द्वारा सम्मानित किया गया।
पूर्ण निष्ठा भाव व ईमानदारी से कर्तव्य करने से ग्रामीणों में सरकारी विद्यालय की छवि में सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा हुआ। परिणाम स्वरूप प्राइवेट विद्यालय के बच्चे आने लगे तथा 20 जुलाई को नामांकन हाउसफुल का बोर्ड लगाकर बंद कर दिया गया।





26 जुलाई- 2019 में मेरा अस्थायी स्थानांतरण प्रा०वि० निवाडा से पर प्रा०वि० बागपत न. 1 में प्र०अ० के रिक्त पद पर कर दिया गया।
"कर्म ही पूजा है"

संकलन: अनुज कुमार नेहरा
मिशन शिक्षण संवाद बागपत

नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बंधित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।

विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
10-01-2020

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