नेताजी सुभाष
आओ बच्चों तुम्हें बताएँ, नेताजी सुभाष के बारे में।
कटक उड़ीसा में जन्मे वे, 23जनवरी 1897 को।
वंदे मातरम..2...
पिता थे जिनके जानकीनाथ,
पेशा उनका वकालत था।
माँ प्रभावती कुशल गृहणी थीं,
बेटा स्टूडेंट स्कालर था।
सिविल परीक्षा पास की सन 1920 में,
आजादी की खातिर छोड़ा सन 1921 में।
युवा वर्ग की थे पसंद वे, जयहिंद जिनका नारा था,
आजाद हिंद फौज का गठन किया और रानी झाँसी रेजिमेंट भी।
वंदे मातरम..2....
जीवन में संघर्ष नहीं तो, जीवन में कोई स्वाद नहीं।
है अपराध अन्याय सहना, गलत से समझौता करना भी।
भरोसा ताकत पर करना अपनी, उधार की ताकत है घातक।
प्रेरणा स्रोत थी भगवतगीता,
राष्ट्रपिता उनके गांधी जी।
तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा था आजादी का नारा।
वंदे मातरम..2...
सफलता हमेशा असफलता के साथ ही होती है खड़ी।
झुकना भी हो तो वीरोंं से खड़े रहना शान भी।
आओ फिर हम याद करें जन्मदिन सुभाष चंद्र बोस का।
थे विचार ये वीर सुभाष के,
देश जिन्हें प्राणों से था प्यारा।
आज जरूरत है बनने को, नेता वीर सुभाष से।
वंदेमातरम...2....
रचयिता
सुमन पांडेय,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय टिकरी मनौटी,
शिक्षा क्षेत्र -खजुहा,
जनपद-फतेहपुर।
कटक उड़ीसा में जन्मे वे, 23जनवरी 1897 को।
वंदे मातरम..2...
पिता थे जिनके जानकीनाथ,
पेशा उनका वकालत था।
माँ प्रभावती कुशल गृहणी थीं,
बेटा स्टूडेंट स्कालर था।
सिविल परीक्षा पास की सन 1920 में,
आजादी की खातिर छोड़ा सन 1921 में।
युवा वर्ग की थे पसंद वे, जयहिंद जिनका नारा था,
आजाद हिंद फौज का गठन किया और रानी झाँसी रेजिमेंट भी।
वंदे मातरम..2....
जीवन में संघर्ष नहीं तो, जीवन में कोई स्वाद नहीं।
है अपराध अन्याय सहना, गलत से समझौता करना भी।
भरोसा ताकत पर करना अपनी, उधार की ताकत है घातक।
प्रेरणा स्रोत थी भगवतगीता,
राष्ट्रपिता उनके गांधी जी।
तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा था आजादी का नारा।
वंदे मातरम..2...
सफलता हमेशा असफलता के साथ ही होती है खड़ी।
झुकना भी हो तो वीरोंं से खड़े रहना शान भी।
आओ फिर हम याद करें जन्मदिन सुभाष चंद्र बोस का।
थे विचार ये वीर सुभाष के,
देश जिन्हें प्राणों से था प्यारा।
आज जरूरत है बनने को, नेता वीर सुभाष से।
वंदेमातरम...2....
रचयिता
सुमन पांडेय,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय टिकरी मनौटी,
शिक्षा क्षेत्र -खजुहा,
जनपद-फतेहपुर।
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