26 जनवरी

आज 26 जनवरी पर हमने फिर से तिरंगा फहराया है।
आजादी क्या है क्या कभी यह समझ में आया है?

देश पर शहीद हुए उन भाइयों के बलिदान की क्या?
जब आपस में लड़कर हमने देश का मान गिराया है।
आजादी क्या है क्या कभी यह समझ में आया है?

हमेशा की तरह बस आज ही देशभक्ति का जज्बा जगेगा
क्या अगले दिन फिर तिरंगे को यहाँ वहाँ नहीं गिराया है।
आजादी क्या है क्या कभी यह समझ में आया है?

ना नारी का सम्मान किया ना कोई अच्छा काम किया।
देश के हालात में कहाँ सुधार आया है?
आजादी क्या है क्या कभी यह समझ में आया है?

यहाँ तहजीब बिकती है, यहाँ ईमान बिकता है।
यहाँ तो सरेआम बिकता इंसान नजर आया है।
आजादी क्या है क्या कभी यह समझ में आया है?

आसान बहुत है घर पर बैठकर देश पर बातें बनाना।
क्या कभी खुद आगे बढ़कर कुछ करने का जिम्मा उठाया है?
आजादी क्या है क्या कभी यह समझ में आया है?

खुद तो कब का बँट गया हिंदू मुसलमान में आदमी।
अंधा होकर अब भगवान को बाँटता नजर आया है।
आजादी क्या है क्या कभी यह समझ में आया है?

गैरों से तो बचाकर रखा अपने देश को
यहाँ तो अपनों ने ही अपनों को मार गिराया है।
आजादी क्या है क्या कभी यह समझ में आया है?

रचयिता
हेमलता गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मुकंदपुर,
विकास खण्ड-लोधा, 
जनपद-अलीगढ़।

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