दोस्त

चौतरफा जब घिरा हो अंधियारा
आये जिससे जीवन में उजियारा।
साथ होने से जिसके लगे जग प्यारा।।
ऐसा है प्यारा प्यारा एक यारा।
जिससे छिपी कोई बात नहीं।।
जाने वो दिल का हाल सारा।
होने से उसके लगे हर दिन मस्ताना।
बजे हर पल खुशियों का तराना।।
ऐसा दोस्ताना है हमारा।
मुश्किल ये सारे जहाँ को बताना।।
ले खुशियाँ संग जो दोस्त चले।
अनजानी राहों से कैसा घबराना।।
साथ उसका है एक जादू का पिटारा।
हर मुश्किल में बनता है वो सहारा।।
बने चाहे दुश्मन क्यों न जमाना सारा।
सच्चा दोस्त साथ देता है सदा हमारा।।
                               
रचयिता
स्वाती सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय रवांसी,
विकास खण्ड-परसेंडी,
जनपद-सीतापुर।

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