हिंदुस्तान हमारा है
सारे मुल्कों से प्यारा है,
हिंदुस्तान हमारा है।
हम जिस देश में रहते हैं,
उसी को भारत कहते हैं।
सारे मुल्कों से प्यारा है,
हिंदुस्तान हमारा है।
यहाँ हिंदू -मुस्लिम, सिख -ईसाई,
मिलकर रहते भाई -भाई।
यहाँ जाति पात नहीं होता है,
भेदभाव नहीं होता है।
समानता का अधिकार सिखाते हैं।
इसी को भारत कहते हैं।
सारे मुल्कों से प्यारा है,
हिंदुस्तान हमारा है।
यहाँ मंदिर मस्जिद है,
और गिरिजाघर गुरुद्वारा।
इन सबका मकसद एक है,
ईर्ष्या और द्वेष मिटाना।
नेकी करना सिखाता है,
इसी को भारत कहते हैं।
सारे मुल्कों से प्यारा है,
हिंदुस्तान हमारा है।
यहाँ पूरब से पश्चिम,
और उत्तर से दक्षिण।
विभिन्न संस्कृतियाँ हैं,
और विभिन्न भाषाएँ हैं।
अनेकता में एकता सिखाता है,
इसी को भारत कहते हैं।
सारे मुल्कों से प्यारा है,
हिंदुस्तान हमारा है।
यहाँ गंगा यमुना सी,
नदियाँ बहतीं कल-कल।
यहाँ खड़ा हिमालय है,
प्रहरी बनकर हर पल।
मिलकर रहना सिखाते हैं,
इसी को भारत कहते हैं।
सारे मुल्कों से प्यारा है,
हिंदुस्तान हमारा है।
रचयिता
अंजली मौर्या 'अनू',
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय बांसताली,
विकास खंड-लखीमपुर,
जनपद-लखीमपुर खीरी।
हिंदुस्तान हमारा है।
हम जिस देश में रहते हैं,
उसी को भारत कहते हैं।
सारे मुल्कों से प्यारा है,
हिंदुस्तान हमारा है।
यहाँ हिंदू -मुस्लिम, सिख -ईसाई,
मिलकर रहते भाई -भाई।
यहाँ जाति पात नहीं होता है,
भेदभाव नहीं होता है।
समानता का अधिकार सिखाते हैं।
इसी को भारत कहते हैं।
सारे मुल्कों से प्यारा है,
हिंदुस्तान हमारा है।
यहाँ मंदिर मस्जिद है,
और गिरिजाघर गुरुद्वारा।
इन सबका मकसद एक है,
ईर्ष्या और द्वेष मिटाना।
नेकी करना सिखाता है,
इसी को भारत कहते हैं।
सारे मुल्कों से प्यारा है,
हिंदुस्तान हमारा है।
यहाँ पूरब से पश्चिम,
और उत्तर से दक्षिण।
विभिन्न संस्कृतियाँ हैं,
और विभिन्न भाषाएँ हैं।
अनेकता में एकता सिखाता है,
इसी को भारत कहते हैं।
सारे मुल्कों से प्यारा है,
हिंदुस्तान हमारा है।
यहाँ गंगा यमुना सी,
नदियाँ बहतीं कल-कल।
यहाँ खड़ा हिमालय है,
प्रहरी बनकर हर पल।
मिलकर रहना सिखाते हैं,
इसी को भारत कहते हैं।
सारे मुल्कों से प्यारा है,
हिंदुस्तान हमारा है।
रचयिता
अंजली मौर्या 'अनू',
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय बांसताली,
विकास खंड-लखीमपुर,
जनपद-लखीमपुर खीरी।
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